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Saturday, December 11, 2010

सेकुलर आतंकबाद से देश को खतरा ,देश भक्तो को आगे आना पड़ेगा

   भारत हमेशा बहु सांस्कृतिक -बहु भाषिक देश रहा है इसकी पाचन शक्ति बड़ी ही मजबूत रही है जिस प्रकार बहुत सी नदिया गंगा जी में मिलकर भी और कुछ न होकर गंगा जी ही रहती है भारत के पूर्बी, दक्षिणी और उत्तरी दिशा में सैकड़ो  नदिया समुद्र मिलकर भी समुद्र के प्रकृति में कोई परिवर्तन नही कर पाती समुद्र, समुद्र ही बना रहता है उसी प्रकार हजारो वर्षो से बिभिन्न प्रकार की संस्कृतिया यहाँ आयी सभी यहाँ समाहित हो गयी लेकिन भारत, भारत बना रहा ,लेकिन यह कबतक जबतक भारत की सीमा सिन्धु उस पर अफगानिस्तान से तिब्बत और बर्मा तक था जहा सुख समृद्धि और शांति थी यहाँ की नदियों ने यहाँ की भूमि को उर्बर बना यहाँ के राजाओ द्वारा इस धरती को धन-धन्य से परिपूर्ण बनाया जिससे यहाँ बिचार को लेकर कभी युद्ध नही हुए यहाँ बिचारो को लेकर शास्त्रार्थ, संबाद  हुए बड़े -बड़े ग्रंथो की मानव  कल्याण हेतु रचना हुई सभी वेदाध्ययन स्वाध्याय करते, इसी चिंतन क़ा परिणाम हमने प्रत्येक बृक्ष में, नदियों में, और पत्थरो में देवता अर्थात भगवान के दर्शन किये ऐसे समृद्धि शाली हमारी संस्कृति थी इन्हहि कारणों से सम्पूर्ण विश्व भारत को विश्व गुरु कहा जाता था .
       क्या हो गया भारत को और क्या हो गया हमें ? जिस मूल्य के नाते राष्ट्र की महानता थी, मानव संस्कृति शीर्ष पर थी  आज उसी संस्कृति को देश बिरोधी कहा जाने लगा ? ये सब अचानक नही हुआ कोई १२०० वर्ष पूर्ब मुहम्मद गोरी क़ा हमला भारत पर हुआ, पृथ्बी राज चौहान द्वारा सोलह बार पराजित होने के बावजूद गोरी का हमला बंद नही हुआ, महमूद गजनवी द्वारा सोमनाथ को तोडना, नादिर साह क़ा कुत्सित अत्याचार भी हिन्दू समाज को इस्लाम  नही समझा सका, राजा महराजा बिभक्त होने के कारण हम कमजोर होने लगे अपनी कमजोरी को ही हम सहिशुनता मानने लगे, ब्रिटिस काल में केवल महर्षि दयानंद सरस्वती एक ऐसे महापुरुष हुए जिन्होंने इस्लाम के बारे में हिन्दुओ को सावधान किया .
           देश आज़ादी के पश्चात् एक ऐसी संस्कृति ने जन्म लिया जिसे हम सेकुलर के नाम से जानते है लेकिन भारतीय समाज आज भी सेकुलर क़ा अर्थ नही समझती, सेकुलर के नाम पर हिन्दु समाज के  बिरोध के अतिरिक्त कुछ भी नही, जहा -जहा हिन्दू नही रहा वह-वह भाग भारत नही रहा भारत का ही भाग कोई अफगानिस्तान, कोई पाकिस्तान, कोई बंगला देश इत्यादि हो गया भारत में ही कश्मीर की समस्या केवल इस्लामिक समस्या है कश्मीर घाटी से हिन्दू भगा दिया गया सेना के सहारे आज कश्मीर बचा हुआ है कैथोलिक सोनिया, मनमोहन यह तय कर चुके है कि वह भारत क़ा भाग नही रहेगा उसके लिए सरकारी योजना से कश्मीरी अलगाव बादी नेताओ और अरुंधती राय देश में घूम-घूम कर बाताबरण बनाने क़ा प्रयत्न कर रहे है, महाराणाप्रताप और क्षत्रपति शिवाजी को देश द्रोही और अकबर, औरंगजेब को देश क़ा हीरो बनाने क़ा प्रयत्न हो रहा है सेकुलर के नाम पर रानी लक्ष्मीबाई, हल्दी घाटी, शिवा बावनी, भगत सिंह इत्यादि शिक्षा के पाठ्यक्रम से निकाल दिया गया गुरु गोविन्द सिंह, दयानंद सरस्वती आतंकबादी थे ये बर्तमान पाठ्यक्रम में पढाया जा रहा है .कुछ बुद्धिजीवी नेता भाषण करते है कि यहाँ गंगा, यमुनी संस्कृति है शायद उन्हें पता नहीं कि जहा यमुना जी- गंगा जीमें  प्रयाग संगम पर मिलती है वही उनका अस्तित्व समाप्त हो जाता है प्रयाग से आगे केवल गंगा जी ही रहती है इस नाते भारत क़ा अर्थ केवल हिन्दू संस्कृति ही है और कुछ नही.
          योजना बद्ध तरीके से सेकुलर के नाम पर देश भक्तो को आतंकबादी बताने क़ा प्रयास हो रहा है देश को आज़ादी केवल चरखा काटने, नेहरु परिवार से मिली ये बताने क़ा प्रयत्न ----लाखो लोगो ने  फासी के फंदे को चूमा, भगत सिंह ,चन्द्रशेखर और सुभाष बाबू जैसो क़ा नाम गायब करने क़ा षड़यंत्र, हमलावर मुस्लिम आक्रंताओ ने भारतीय भूमि पर केवल हमला ही नही किया अपितु लुट ,हत्या भी की, उन्होंने हमारे आराध्य भगवान राम, कृष्ण और भगवान शंकर के मंदिरों को ढहाकर हिन्दू समाज क़ा अपमान ही किया है, इस्लाम कोई प्रेम- मोहब्बत बाटने वाला धर्म न होकर ये एक हाथ में कुरान दुसरे हाथ में तलवार से हिंसा हत्या के द्वारा जबरदस्ती लोगो को मुसलमान बनाने का अक्षम्य अपराध किया, भारत आजाद हुआ राम मंदिर आन्दोलन शुरू हुआ अयोध्या कारसेवा से लौटते हुए हुन्दुओ को गोधरा में जलाकर मारदिया गया गुजरात के हिन्दुओ ने प्रतिक्रिया की उसमे कुछ मुसलमान मारे गए लेकिन हजारो मंदिरों को पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान में मुसलमानों ने तोडा, लेकिन केवल हिन्दू ही दोसी- यही सेकुलर नीति है सेकुलर ताकते आज-तक नरेन्द्र मोदी को अपराधी कहती रही है और वे लगातार चुनाव पर चुनाव जीत रहे है जब की सभी अदालतों ने उन्हें बरी कर दिया है.एक बहुत अच्छा उदहारण दे रहा हू गुजरात दंगे में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी वह दंगे करने का एक्सपर्ट व एक बड़ा अपराधी भी था उसके ऊपर कई मुक़दमे भी थे हिन्दू उनसे अत्यंत पीड़ित था इतने वर्ष बाद भी सेकुलर आतंकी तिश्ता जावेद मानवाधिकार के नाम पर पूरे गुजरात को बदनाम करने का प्रयत्न करना, हिदुओ को जैसे इस देश के नागरिक ही न हो इस प्रकार का ब्यवहार केंद्र सरकार द्वारा करना क्या दर्शाता है ? 
            हिन्दुबादी देशभक्त संगठनों को सिम्मी के समकक्ष  बताकर देश भक्तो क़ा अपमान करने क़ा दुस्साहस, सेकुलर के नाम पर अफजल, कसाव जैसे आतंक बादियो क़ा बचाव, भारत की धार्मिक राजधानी पर आतंकबादी हमला के बावजूद सेकुलर गृहमंत्री ने कहा कि ये बिगड़े नवजवानों क़ा काम है कहकर सेकुलर आतंकियों क़ा बचाव ही किया, देश सेकुलर आतंकबाद से त्रस्त है क्या ये सेकुलरिष्ट यह बताने क़ा कष्ट करेगे कि यदि किसी हिन्दू ने मक्का पर बम मारा होता तो क्या वे चुप रहते ----? इसका जबाब हिन्दू समाज को चाहिए सेकुलर आतंक की पुरोधा सोनिया, मनमोहन व  चिदंबरम, बामपंथी खेमा और तथा -कथित समाजबादी खेमा ही रहा है प्रत्येक देशभक्त नागरिको क़ा कर्तब्य है कि सेकुलर आतंकियों  क़ा मुकाबला करने को तैयार हो जाय.  

Friday, December 10, 2010

v h p

नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री डॉ. प्रवीणभाई तोगड़िया ने काशी में शीतला घाट पर गंगा आरती के दौरान हुए धमाके की कड़ी निंदा की है और कहा कि यह आतंकी घटना नहीं हो सकती। हिंदुओं का खून बहाने वालों को काशी कभी माफ नहीं करेगी। 

उल्लेखनीय है कि मंगलवार की शाम करीब 6.35 बजे गंगा आरती के दौरान प्राचीन शीतला माता घाट और दशाश्वमेध घाट के बीचों-बीच धमाके हुए। इसमें एक डेढ़ वर्ष की बच्ची की मौत हो गई जबकि 37 लोग घायल हुए हैं। घायलों में 4 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।

डॉ. तोगड़िया ने कहा- “मंगलवार के ही दिन २००६ में काशी के संकटमोचन मंदिर में धमाका हुआ था; गंगा आरती के समय मंगलवार को ही धमाका कर आरती बीच में रोकने का यह जेहादी षड्यंत्र भारत की श्रद्धा और भारत का धार्मिक हृदय काशी; इन दोनों पर घिनौना हमला है! कपूर आरती चल रही थी, हजारों श्रद्धालु गंगा माँ की पूजा में जुटे थे, अनेकों पंडित मंत्रोच्चार कर रहे थे, छोटी-छोटी गरीब बच्चियाँ नावों में बैठे हजारों श्रद्धालुओं को पत्ते के कोण में रखे दीप-गंगा माँ में बहाने के लिए बेच रही थीं। युवा पंडित हाथों में वजनदार अनेकों बातियों की आरतियाँ लेकर गंगा माँ की प्रार्थना कर रहे थे, ऐसे में यह धमाका करना केवल विकृत मानसिकता का परिचय नहीं; यह तो भारत की अतिप्राचीन और विश्व की एकमेव जीवित नगरी ख़त्म करने के लिए जान बूझकर किया हुआ जेहाद है!” 

उन्होंने कहा- “गंगा माँ की आरती के सारे सुर, मन्त्र, ताल रोकना और हिंदुओं की पूजा में विघ्न डालना यह उसी प्रकार का घिनौना जेहाद है जिसके तहत कभी काशी विश्वनाथ मंदिर, बिंदुमाधव मंदिर और श्रीरामजन्मभूमि मंदिर सहित ऐसे कई मंदिर तोड़े गए थे।”


विहिप महामंत्री ने कहा- “काशी के ८० घाटों पर हिंदुओं की परंपरागतगत पूजाएँ, विधि चलते हैं। वहाँ हिंदू धर्म ना मानने वालों और गंगा आरती में श्रद्धा से आने वाले हिंदुओं को धक्के मारकर मजाक उड़ानेवाले वालों का क्या काम? तुरंत काशी के सभी घाटों पर अहिंदुओं का प्रवेश वर्जित किया जाय। विश्वनाथ मंदिर सहित काशी की सभी गलियों में, जहाँ करीबन ६०० से अधिक प्राचीन मंदिर, तीर्थ,  कुण्ड, कूप हैं, वहाँ अहिंदुओं का प्रवेश वर्जित किया जाय। गंगा माँ की पूजा के लिए पहुंचाया गया दूध भी अब काशी में सुरक्षित नहीं है?”

उन्होंने कहा- “अगर हज हॉउस में, मस्जिदों में हिंदुओं को प्रवेश नहीं, तो हिंदुओं की देव नगरी काशी के घाटों पर, मंदिरों- तीर्थों, कुंडो कूपों पर अहिंदुओं को प्रवेश क्यों? यह प्रवेश तुरंत वर्जित किया जाय और काशी को 'विश्व संरक्षित धरोहर' घोषित कर काशी के लिए सुरक्षा दी जाय।”

डॉ. तोगड़िया ने कहा- “काशी सहित देश-विदेश के संपूर्ण हिंदुओं का विश्व हिंदू परिषद आवाहन करती है कि इस घिनौने जेहादी हमले का विरोध लोकतांत्रिक पद्धति से करें और जब तक अहिंदुओं को काशी के घाटों, मंदिरों, तीर्थों, कुण्डों, कूपों पर प्रवेश वर्जित ना किया जाय तब तक यह लोकतांत्रिक आंदोलन जारी रखें।”

Wednesday, November 17, 2010

क्या विश्व के सबसे बड़े विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को अपना स्वयं का न्यूज़ चेनल बना लेना चाहिए......??

पिछले कुछ दिनों से लगातार केंद्र सरकार के गुर्गे संघ को बदनाम करने का षड़यंत्र रच रहे हैं और मिडिया को माध्यम बनाकर साधारण सी बात को घुमा फिराकर आपत्तिजनक बता रहे है....
राहुल गाँधी के द्वारा संघ की तुलना सिमी से करने के बाद कांग्रेसी नेताओ में संघ के ऊपर छीटाकशी करने की होड़ सी मच गयी है.....
मैं देख रहा हूँ की अमूमन हर दशहरा पर संघ के पथ संचलन को शालीनता और शांति का पर्याय बताने वाले न्यूज़ चेनल इस बार एक बाल स्वयं सेवक के हाथ में तलवार के द्रश्य को दिखाकर जनता से पूछ रहे है की 'क्या संघ बच्चों को आतंकवादी बना रही है' जब की वे जानते हैं की हिन्दू समाज में दशहरा के दिन शस्त्र पूजन की परंपरा है और संघ आत्मरक्षा के लिए ही बच्चों को शस्त्र ज्ञान देता है......
अचानक से बदले मिडिया के इस रूख के पीछे का मूल कारण केंद्र सरकार के पक्ष में वातावरण तैयार कर सर्वश्रेष्ठ न्यूज़ चेनल का तमगा हासिल करना है पिछले काफी वर्षों से सर्वश्रेष्ठ और सबसे तेज़ न्यूज़ चेनल का अवार्ड आज तक को मिलता चला आ रहा है और इसी अवार्ड को हासिल करने के चक्कर में सारे न्यूज़ चेनल कांग्रेसियों के सूर में सूर मिला रहे हैं ....
अपने विचरों को आम जन मानस तक पहुँचाने के लिए एवं हिंदुत्व की विचारधारा से आम जनता को जोड़ने के लिए ही संघ ने कई अनुषांगिक संगठनो का निर्माण करते हुए वर्षों पहले पांचजन्य समाचार पत्र को प्रकाशित करने का निर्णय लिया....
बदलते वक़्त के साथ आज इलेक्ट्रोनिक मिडिया ने समाज में अपनी गहरी पैठ बनायीं है शब्दों के मायाजाल में उलझाकर जिस प्रकार न्यूज़ चेनल संघ की बातों के सच को झूठ और झूठ को सच साबित कर देते हैं ऐसे में मुझे लगता है की संघ को अतिशीघ्र अपना न्यूज़ चेनल लांच करने हेतु एक नया अनुषांगिक संगठन बना लेना चाहिए जिससे आम लोगों तक संघ की सच्चाई पहुँच सके......

Saturday, November 13, 2010

bajrangdal news

पिछले दो दिनों से कुछ ज्यादा ही बवाल मचा रखा है सेकुलर कांग्रेसियो में लेकिन उनमे से कोई भी उन आरोपों का जबाब क्यों नहीं दे रहा है ,अगर उनको सोनिया गाँधी का पक्ष रखना है तो रख सकते है लेकिन सच्चाई हमेशा कडवी होती है इसलिए कोई भी उन आरोपों सोनिया का सच जान बेकाबू क्यों होते हो?
एक बार फिर लोकतंत्र पर आपातकाल मंडरा पड़ा है. राजमाता सोनिया गांधी के सिपहसालारों ने कांग्रेसी गुण्डों, माफियाओं और लोकतंत्र के हत्यारों का आह्वान किया है कि वह देशभर में संघ कार्यालयों पर धावा बोल दे. इसका तत्काल प्रभाव हुआ और कांग्रेसी गुण्डों ने संघ के दिल्ली मुख्यालय पर धावा भी बोल दिया. ठीक वैसे ही जैसे इंदिरा गांधी की मौत के बाद सिखों को निशाना बनाया गया था. हिंसक और अलोकतातंत्रिक मानसिकता से ग्रस्त कांग्रेसी सोनिया का सच जानकर आखिर इस तरह बेकाबू क्यों हो रहे हैंको काटने का प्रयत्न नहीं कर रहा है बस पुतले जलाने का काम कर रहे है

Sunday, November 7, 2010

इंद्रेश के समर्थन में आए मुस्लिम संगठन


ग्वालियर [जागरण ब्यूरो]। अजमेर दरगाह धमाके में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ [आरएसएस] के प्रचारक इंद्रेश कुमार का नाम जोड़े जाने का विरोध कई मुस्लिम संगठनों ने भी किया है। ऐसे कुछ संगठनों को लेकर राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने ग्वालियर में एक सेमिनार का आयोजन किया। जिसमें साफ तौर पर कहा गया कि राजस्थान एटीएस द्वारा इंद्रेश के ऊपर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वे पूरी तरह से गलत हैं। सेमिनार में कहा गया कि कांग्रेस के इशारे पर आरएसएस को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है।

आरएसएस और उसके प्रचारक इंद्रेश को आतंकी गतिविधियों से जोड़ने के खिलाफ भाजपा व उसके सहयोगी संगठनों ने मुहिम शुरू कर दी है। इसी के चलते संगठन से जुड़े कुछ मुस्लिमों को सामने लाया जा रहा है। ग्वालियर में राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने ऐसा ही आयोजन किया। इस आयोजन में राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के अलावा राजस्थान के मुस्लिम महासंघ सहित कई मुस्लिम बुद्धिजीवी आए। इस मंच के राष्ट्रीय संयोजक मुहम्मद अफजाल ने स्पष्ट किया कि इंद्रेश के ऊपर आंतकियों से जुड़ने के जो भी आरोप लगे हैं, वे पूरी तरह बेबुनियाद हैं और उनमें कोई दम नहीं है।

राजस्थान मुस्लिम महासंघ के अध्यक्ष अबु मकर नकवी ने कहा कि आरएसएस व इंद्रेश पर कांग्रेस के इशारे पर निराधार लगाए जा रहे हैं। जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। सेमिनार में जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली से आए इमरान चौधरी ने कहा इंद्रेश शांति दूत हैं और उनका जीवन पूरी तरह समाज सेवा को समर्पित है। वे किसी भी आतंकी गतिविधियों से जुड़े नहीं हो सकते हैं।

Wednesday, November 3, 2010

मुस्लिम, मिशनरी, मार्क्सवादी,(लॉर्ड) मैकाले, (विदेशी) मीडिया, और माइनो (यू पी ए अध्यक्षा सोनिया गाँधी का मध्य नाम) फिर महाविनाश की चेतावनी: कलियुग आ चुका है। हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन करके और हिन्दू होने का दिखावा करके हमारी औरतों से विवाह करके मुसलमान देश पर कब्ज़ा जमाये ले रहे हैं। जल्दी ही हिन्दुओं का तो नाम-निशान भी नहीं रहेगा। भारत में उनकी संख्या हिन्दुओं से अधिक तो पहले ही हो चुकी है। हमें मुल्लों को अपने देश से निकाल देना चाहिये। वे हमारी गऊ माता की हत्या करते हैं; हर गाय में 2300 देवियां रहती हैं।



“हम मुसलमानों का भरोसा नहीं कर सकते, वे हमारी गायों तक को नहीं छोड़ते, हमें क्या छोड़ेंगे?” ये कहना है l  कि “अगर कोई हिन्दू लड़की किसी मुस्लिम लड़के से शादी करे तो उस लड़की का सर काट देना चाहिये।“ और क्रान्तिकारी गीत – हिन्दू के हित पर जनमूं, हिन्दू के हित मर जाऊं, हो जाओ तैयार साथियों, अर्पित कर दो हज़ार बलिदान। नारे भी लगे- शस्त्रमेव जयते। अमरनाथ की भूमि बचाने की कोशिश करते बजरंग दल कार्यकर्ताओं की पुलिस द्वारा पिटाई के सबूत के तौर पर सी डी भी उपलब्ध हैं। और जब तरुण ब्रिगेड पर्याप्त जोश में आ चुकी तो नारे लगने लगे- राम राम चिल्लायेंगे, जायेंगे। और वकील भी उपस्थित हैं यह बताने के लिये कि आपराधिक आरोपों से कैसे बचा जाये। कोई आश्चर्य नहीं कि जब गुरु ने पूछा कि “हम मुसलमानों का सफ़ाया कैसे करेंगे?” तो लड़कों ने एक स्वर में कहा:”हम उन्हें काट डालेंगे!”
और अन्त में एक सलाह थी, जीवन भर के लिये:अगर तुम्हारे घर पर हमला हो और तुम्हारे पास कोई हथियार न हो तो तुम्हें क्या करना चाहिये? मोटरसाइकिल की चेन से काम लो। गैस का सिलेण्डर निकाल लाओ। घर के चारो ओर तेल छिड़क कर आग लगा दो ताकि आतँकवादी अन्दर न आ सकें। अगर मुसलमान तुम्हारे इलाके में रहने आते हैं तो तुम्हें क्या करना चाहिये? उनकी पृष्ठभूमि का पता करो। उनसे दोस्ती कर लो पर उन्हें अपने घर मत बुलाओ। उनकी औरतों से पता करो कि क्या उनकी शादी ज़बरदस्ती करवाई गई है। अगर ऐसा हुआ हो तो पुलिस को ख़बर कर दो। विनीत कहता है “मेरी गली के मुसलमान तो अच्छे हैं। वे अपनी औरतों को बुरका पहनने के लिये बाध्य नहीं करते और अपने बच्चों को भी खेलने देते हैं। पर बाकी मुसलमानों की औरतें और बच्चे अगर घर से बाहर कदम भी रखें तो वे उन्हें काट डालते हैं।
मां स्तब्ध होकर यह सब सुनती हैं। “मुझे नहीं पता था कि वे लोग ये सब सिखाते हैं”, कुमारी देवी कहती हैं। वे असमंजस में हैं कि अगले साल अपने बेटे को वहां भेजें या न भेजें। पर अब इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता। उनके बेटे को उसका जीवन-ध्येय पहले ही मिल चुका है- हिन्दू समाज सेवा- बजरंग दल के निर्देशानुसार।

Friday, October 1, 2010

BajrangDalSahibabad

बजरंग दल
बजरंग दल, संघ परिवार और विश्व हिंदू परिषद की कड़ी का युवा चेहरा है। इसकी शुरुआत 1 अक्तूबर 1984 मे सबसे पहले भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त से हुई जिसका बाद में पूरे भारत में विस्तार हुआ। हिंदुत्व इस परिवार का मुख्य दर्शन है। बजरंग दल का दावा है कि अभी इसके 35,00000 सदस्य हैं जिनमें 20,0000 कार्यकर्ता शामिल हैं। जिनकी सँख्या लगभग 3 हजार के आस पास है। बजरंग दल का सूत्रवाक्य "सेवा, सुरक्षा और संस्कृति" है।गौ हत्या जो भारत के कुछ हिस्सों में प्रतिबंधित है उसे पूरे भारत में लागू करवाना इनके सबसे प्रमुख उद्देश्यों में से एक है। दल का संकल्प यह भी है कि वे रामजन्मभूमि (अयोध्या), कृष्णजन्मभूमि (मथुरा) और काशी विश्वनाथ सांप्रदायिक विवाद है।.

Vishva Hindu Parishad decided to start ‘Ram-Janaki’ Rath yatra for awakening the society on October 1, 1984. There was nothing against other religions but certain anti-Hindu and anti-social elements threatened with dire consequences if Vishva Hindu Parishad organized this Yatra. Uttar Pradesh Government, in spite of making sure that those elements could not disrupt our Rath Yatra, refused to give protection to Rath and the participants. The Holy saints made a call to the Youths to protect ‘Rath’. Hundreds of Youth gathered in Ayodhya. They performed their duty very well. Thus Bajarang Dal was formed with a temporary and localized objective of awakening youth of U.P., and get their involvement in Ram Janma Bhumi Movement. The results of formation of Bajarang Dal were amazing. Most of the young men were proud in getting themselves attached with Bajarang Dal. In 1986, it was decided to form Bajarang Dal in other states and very soon Bajarang Dal was formed in other states too. The role of Bajarang Dal in Hindu Awakening is not a secret. It successfully got the Hindu Youth involved in Ram Janma Bhumi movement. It is evident from the tremendous success of various programmes, i.e., Shila Poojan, Ram Jyoti Yatra, Kar Seva of 1990 and Kar Seva of 1992.