बजरंग दल विश्व हिंदू परिषद की कड़ी का युवा चेहरा है। इसकी शुरुआत 1 अक्तूबर 1984 मे सबसे पहले भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त से हुई जिसका बाद में पूरे भारत में विस्तार हुआ। हिंदुत्व हमारा परिवार का मुख्य दर्शन है।'सबसे बड़ा उद्देश्य अयोध्या में रामजन्म भूमि को मुक्त कराना था. विदेशी आक्रान्ताओं ने जिस तरह हमारे मठ-मंदिरों को अपमानित किया, उसके बारे में समाज को बताना और आगे ऐसा न हो, इसके लिए समाज को संगठित करना हमारा उद्देश्य है.
Sunday, November 7, 2010
इंद्रेश के समर्थन में आए मुस्लिम संगठन
ग्वालियर [जागरण ब्यूरो]। अजमेर दरगाह धमाके में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ [आरएसएस] के प्रचारक इंद्रेश कुमार का नाम जोड़े जाने का विरोध कई मुस्लिम संगठनों ने भी किया है। ऐसे कुछ संगठनों को लेकर राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने ग्वालियर में एक सेमिनार का आयोजन किया। जिसमें साफ तौर पर कहा गया कि राजस्थान एटीएस द्वारा इंद्रेश के ऊपर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वे पूरी तरह से गलत हैं। सेमिनार में कहा गया कि कांग्रेस के इशारे पर आरएसएस को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है।
आरएसएस और उसके प्रचारक इंद्रेश को आतंकी गतिविधियों से जोड़ने के खिलाफ भाजपा व उसके सहयोगी संगठनों ने मुहिम शुरू कर दी है। इसी के चलते संगठन से जुड़े कुछ मुस्लिमों को सामने लाया जा रहा है। ग्वालियर में राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने ऐसा ही आयोजन किया। इस आयोजन में राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के अलावा राजस्थान के मुस्लिम महासंघ सहित कई मुस्लिम बुद्धिजीवी आए। इस मंच के राष्ट्रीय संयोजक मुहम्मद अफजाल ने स्पष्ट किया कि इंद्रेश के ऊपर आंतकियों से जुड़ने के जो भी आरोप लगे हैं, वे पूरी तरह बेबुनियाद हैं और उनमें कोई दम नहीं है।
राजस्थान मुस्लिम महासंघ के अध्यक्ष अबु मकर नकवी ने कहा कि आरएसएस व इंद्रेश पर कांग्रेस के इशारे पर निराधार लगाए जा रहे हैं। जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। सेमिनार में जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली से आए इमरान चौधरी ने कहा इंद्रेश शांति दूत हैं और उनका जीवन पूरी तरह समाज सेवा को समर्पित है। वे किसी भी आतंकी गतिविधियों से जुड़े नहीं हो सकते हैं।
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http://in.jagran.yahoo.com/news/national/politics/5_2_6882995.html
ReplyDeleteआतंक की चक्की में गेहूं के साथ घुन भी पिसे जा रहे हैं :(
ReplyDeleteहिन्दी ब्लॉग्गिंग में आपका स्वागत है !!
ReplyDeleteमित्र आप और आपकी तरह से अनेक साथी ब्लॉग पर लिख रहे हैं। किसी ने किसी स्तर पर इसका समाज पर असर होता है। जिससे देश की ताकत और मानवता को मजबूती मिलती है, लेकिन भ्रष्टाचार का काला नाग सब कुछ चट कर जाता है। क्या इसके खिलाफ एकजुट होने की जरूरत नहीं है? भ्रष्टाचार से केवल सीधे तौर पर आहत लोग ही परेशान हों ऐसा नहीं है, बल्कि भ्रष्टाचार वो सांप है जो उसे पालने वालों को भी नहीं पहचानता। भ्र्रष्टाचार रूपी काला नाग कब किसको डस ले, इसका कोई भी अनुमान नहीं लगा सकता! भ्रष्टाचार हर एक व्यक्ति के जीवन के लिये खतरा है। अत: हर व्यक्ति को इसे आज नहीं तो कल रोकने के लिये आगे आना ही होगा, तो फिर इसकी शुरुआत आज ही क्यों न की जाये?
ReplyDeleteइसी दिशा में कुछ सुझाव एवं समाधान सुझाने के छोटे से प्रयास के रूप में-
"रुक सकता है 90 फीसदी भ्रष्टाचार!"
आलेख निम्न ब्लॉग्स पर पढा जा सकता है?
http://baasvoice.blogspot.com/2010/11/90.html
http://presspalika.blogspot.com/2010/11/90.html
http://presspalika.mywebdunia.com/2010/11/17/90_1289972520000.html
Yours.
Dr. Purushottam Meena 'Nirankush
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