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Friday, December 10, 2010

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नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री डॉ. प्रवीणभाई तोगड़िया ने काशी में शीतला घाट पर गंगा आरती के दौरान हुए धमाके की कड़ी निंदा की है और कहा कि यह आतंकी घटना नहीं हो सकती। हिंदुओं का खून बहाने वालों को काशी कभी माफ नहीं करेगी। 

उल्लेखनीय है कि मंगलवार की शाम करीब 6.35 बजे गंगा आरती के दौरान प्राचीन शीतला माता घाट और दशाश्वमेध घाट के बीचों-बीच धमाके हुए। इसमें एक डेढ़ वर्ष की बच्ची की मौत हो गई जबकि 37 लोग घायल हुए हैं। घायलों में 4 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।

डॉ. तोगड़िया ने कहा- “मंगलवार के ही दिन २००६ में काशी के संकटमोचन मंदिर में धमाका हुआ था; गंगा आरती के समय मंगलवार को ही धमाका कर आरती बीच में रोकने का यह जेहादी षड्यंत्र भारत की श्रद्धा और भारत का धार्मिक हृदय काशी; इन दोनों पर घिनौना हमला है! कपूर आरती चल रही थी, हजारों श्रद्धालु गंगा माँ की पूजा में जुटे थे, अनेकों पंडित मंत्रोच्चार कर रहे थे, छोटी-छोटी गरीब बच्चियाँ नावों में बैठे हजारों श्रद्धालुओं को पत्ते के कोण में रखे दीप-गंगा माँ में बहाने के लिए बेच रही थीं। युवा पंडित हाथों में वजनदार अनेकों बातियों की आरतियाँ लेकर गंगा माँ की प्रार्थना कर रहे थे, ऐसे में यह धमाका करना केवल विकृत मानसिकता का परिचय नहीं; यह तो भारत की अतिप्राचीन और विश्व की एकमेव जीवित नगरी ख़त्म करने के लिए जान बूझकर किया हुआ जेहाद है!” 

उन्होंने कहा- “गंगा माँ की आरती के सारे सुर, मन्त्र, ताल रोकना और हिंदुओं की पूजा में विघ्न डालना यह उसी प्रकार का घिनौना जेहाद है जिसके तहत कभी काशी विश्वनाथ मंदिर, बिंदुमाधव मंदिर और श्रीरामजन्मभूमि मंदिर सहित ऐसे कई मंदिर तोड़े गए थे।”


विहिप महामंत्री ने कहा- “काशी के ८० घाटों पर हिंदुओं की परंपरागतगत पूजाएँ, विधि चलते हैं। वहाँ हिंदू धर्म ना मानने वालों और गंगा आरती में श्रद्धा से आने वाले हिंदुओं को धक्के मारकर मजाक उड़ानेवाले वालों का क्या काम? तुरंत काशी के सभी घाटों पर अहिंदुओं का प्रवेश वर्जित किया जाय। विश्वनाथ मंदिर सहित काशी की सभी गलियों में, जहाँ करीबन ६०० से अधिक प्राचीन मंदिर, तीर्थ,  कुण्ड, कूप हैं, वहाँ अहिंदुओं का प्रवेश वर्जित किया जाय। गंगा माँ की पूजा के लिए पहुंचाया गया दूध भी अब काशी में सुरक्षित नहीं है?”

उन्होंने कहा- “अगर हज हॉउस में, मस्जिदों में हिंदुओं को प्रवेश नहीं, तो हिंदुओं की देव नगरी काशी के घाटों पर, मंदिरों- तीर्थों, कुंडो कूपों पर अहिंदुओं को प्रवेश क्यों? यह प्रवेश तुरंत वर्जित किया जाय और काशी को 'विश्व संरक्षित धरोहर' घोषित कर काशी के लिए सुरक्षा दी जाय।”

डॉ. तोगड़िया ने कहा- “काशी सहित देश-विदेश के संपूर्ण हिंदुओं का विश्व हिंदू परिषद आवाहन करती है कि इस घिनौने जेहादी हमले का विरोध लोकतांत्रिक पद्धति से करें और जब तक अहिंदुओं को काशी के घाटों, मंदिरों, तीर्थों, कुण्डों, कूपों पर प्रवेश वर्जित ना किया जाय तब तक यह लोकतांत्रिक आंदोलन जारी रखें।”

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