बजरंग दल विश्व हिंदू परिषद की कड़ी का युवा चेहरा है। इसकी शुरुआत 1 अक्तूबर 1984 मे सबसे पहले भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त से हुई जिसका बाद में पूरे भारत में विस्तार हुआ। हिंदुत्व हमारा परिवार का मुख्य दर्शन है।'सबसे बड़ा उद्देश्य अयोध्या में रामजन्म भूमि को मुक्त कराना था. विदेशी आक्रान्ताओं ने जिस तरह हमारे मठ-मंदिरों को अपमानित किया, उसके बारे में समाज को बताना और आगे ऐसा न हो, इसके लिए समाज को संगठित करना हमारा उद्देश्य है.
Tuesday, November 1, 2011
Monday, October 31, 2011
Sunday, September 4, 2011
इस्लाम में गाय का महत्व
1. “गाय चौपायों की सरदार है” – कुरान
2. ” गाय का दूध-घ...ी शिफा (दवा) है और गौमांस बीमारी है” मोहम्मद साहब
3. “खुदा के पास खून और गोश्त नहीं पहुँचता – त्याग की भावना पहुँचती है”
4. एक धार्मिक महिला को बिल्ली को मारने के कारण दोजख मिला, एक बदनाम महिला को कुत्ते को पानी पिलाने के कारण जन्नत मिली.
5. जिस देश में रहते हो उसके कानून का पालन करो.
6. पडोसी को दुःख पहुँचाना पाप है.
7. बाबर से बहादुर शाह जफ़र तक के शासन काल में गोहत्या प्रतिबंधित थी.
8. बहादुर शाह जफर ने स्वयं मुनादी फिरवाई थी कि बकरीद पर गाय की कुर्बानी करने वाले को तोप से उड़ा दिया जायेगा
9. “गो हत्या करने वाले के विरुद्ध, क़यामत के दिन, मोहम्मद साहब गवाही देंगे” – देव बंद के फतवे का सार,
राष्ट्रिय मुस्लिम मंच
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक १६-११-९४ का सारांश
1. पश्चिम बंगाल पशु हत्या नियंत्रण अधिनियम १९५०-गाय-भैंस सहित पशुओं की हत्या रोकने के उद्देश्य से बना है.
2. राज्य सरकार वैकल्पिक धार्मिक कृत्य हेतु धारा १२ के अंतर्गत छूट नहीं दे सकती.
3. धारा ५ के अनुसार - प्रमाण पत्र मिलने के बाद भी, केवल निर्धारित स्थान (कत्लखाने) के आलावा किसी अन्य स्थान पर पशु का वध नहीं हो सकता.
4. धारा ७ के अनुसार दोषी व्यक्ति को ६ माह का कारावास या १००० का जुर्मना या दोनों की सजा हो सकती है.
5. धारा ९ के अनुसार अपराध करने का प्रयास करने या प्रोत्साहित करने पर भी दण्डित किया जा सकता है.
6. चूँकि बकरीद पर गाय की कुर्बानी आवश्यक धार्मिक कृत्य नहीं है अतः बकरीद समेत सभी दिनों के लिए गायों की हत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध, संविधान के अनुछेद २५ (१) के विरुद्ध नहीं है.
7, मुग़ल बादशाह बाबर, हुमायूं, अकबर, जहाँगीर एवं अहमद शाह ने भी गोहत्या पर प्रतिबन्ध लगाया था.
8. कानून की चर्चा से स्थिर हो जाता है कि मुसलमानों को बकरीद पर स्वस्थ गायों की कुर्बानी हेतु आग्रह करने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है.
9. चूँकि गायों की कुर्बानी एक आवश्यक धार्मिक कृत्य नहीं अतः राज्य सरकार के पास भी यह अधिकार नहीं कि वह धारा १२ के अंतर्गत छूट दे सके.
2. ” गाय का दूध-घ...ी शिफा (दवा) है और गौमांस बीमारी है” मोहम्मद साहब
3. “खुदा के पास खून और गोश्त नहीं पहुँचता – त्याग की भावना पहुँचती है”
4. एक धार्मिक महिला को बिल्ली को मारने के कारण दोजख मिला, एक बदनाम महिला को कुत्ते को पानी पिलाने के कारण जन्नत मिली.
5. जिस देश में रहते हो उसके कानून का पालन करो.
6. पडोसी को दुःख पहुँचाना पाप है.
7. बाबर से बहादुर शाह जफ़र तक के शासन काल में गोहत्या प्रतिबंधित थी.
8. बहादुर शाह जफर ने स्वयं मुनादी फिरवाई थी कि बकरीद पर गाय की कुर्बानी करने वाले को तोप से उड़ा दिया जायेगा
9. “गो हत्या करने वाले के विरुद्ध, क़यामत के दिन, मोहम्मद साहब गवाही देंगे” – देव बंद के फतवे का सार,
राष्ट्रिय मुस्लिम मंच
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक १६-११-९४ का सारांश
1. पश्चिम बंगाल पशु हत्या नियंत्रण अधिनियम १९५०-गाय-भैंस सहित पशुओं की हत्या रोकने के उद्देश्य से बना है.
2. राज्य सरकार वैकल्पिक धार्मिक कृत्य हेतु धारा १२ के अंतर्गत छूट नहीं दे सकती.
3. धारा ५ के अनुसार - प्रमाण पत्र मिलने के बाद भी, केवल निर्धारित स्थान (कत्लखाने) के आलावा किसी अन्य स्थान पर पशु का वध नहीं हो सकता.
4. धारा ७ के अनुसार दोषी व्यक्ति को ६ माह का कारावास या १००० का जुर्मना या दोनों की सजा हो सकती है.
5. धारा ९ के अनुसार अपराध करने का प्रयास करने या प्रोत्साहित करने पर भी दण्डित किया जा सकता है.
6. चूँकि बकरीद पर गाय की कुर्बानी आवश्यक धार्मिक कृत्य नहीं है अतः बकरीद समेत सभी दिनों के लिए गायों की हत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध, संविधान के अनुछेद २५ (१) के विरुद्ध नहीं है.
7, मुग़ल बादशाह बाबर, हुमायूं, अकबर, जहाँगीर एवं अहमद शाह ने भी गोहत्या पर प्रतिबन्ध लगाया था.
8. कानून की चर्चा से स्थिर हो जाता है कि मुसलमानों को बकरीद पर स्वस्थ गायों की कुर्बानी हेतु आग्रह करने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है.
9. चूँकि गायों की कुर्बानी एक आवश्यक धार्मिक कृत्य नहीं अतः राज्य सरकार के पास भी यह अधिकार नहीं कि वह धारा १२ के अंतर्गत छूट दे सके.
Monday, January 24, 2011
अयोध्या में शीघ्र होगा राम मंदिर का निर्माण
हिन्दू संगठनों को बदनाम करने, विशेष कर आतंकी संगठनों से तुलना किये जाने से अयोध्या के परम संत एवं रामजन्म न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास आहत हैं। कहते हैं कि अंधेरा कितना भी घना क्यों न हो उसका अंत निश्चित होता है। रात के बाद प्रभात शाश्वत सत्य है। देश भी इस समय बुरी परिस्थिति से गुजर रहा है। साधु संतो को योजनाबद्ध ढंग से बदनाम किया जा रहा है। न्यायालय से राम जन्म भूमि का निर्णय आने के बावजूद राष्ट्र विरोधी तत्व मंदिर निर्माण की राह में रोड़ा अटका रहे हैं, पर वह सफल नहीं होंगे। जन्मभूमि पर शीघ्र ही भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जायेगा।
महंत नृत्य गोपाल दास शनिवार को यहां बस्ती आगमन पर 'दैनिक जागरण' से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार अल्पसंख्यक वोट के लिए हिन्दू समाज को कटघरे में खड़ा कर रही है। भगवा आतंकवाद का शिगूफा इसी साजिश का नतीजा है। हिन्दू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता। राम मंदिर निर्माण अवश्य होगा, उसे कोई टाल नहीं सकता।
योजना का खुलासा करते हुए नृत्य गोपाल दास ने कहा कि हनुमत शक्ति जागरण के माध्यम से देश भर में पांच हजार धर्म सभाएं हो रही हैं। हनुमत शक्ति के जागरण से मंदिर निर्माण में आने वाली हर बाधा स्वत: समाप्त हो जाएगी।
उन्होंने दु:ख व्यक्त किया कि सरकार देश भक्ति के पर्याय राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर आतंकवादी संगठन होने का आरोप लगा रही है, जबकि किसी भी जांच में संघ के पदाधिकारी दोषी नहीं पाए गए हैं। सरकार को प्रतिबंध लगाना है तो जेहादी संगठनों पर लगाए जो देश को बर्बाद करने पर तुले हैं।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा। अयोध्या की पहचान रामजन्म भूमि से है। मंदिर अपने मूल lस्थान पर ही बनेगा, इसे कोई ताकत रोक नहीं सकती। राम जन्म भूमि न्यास इसके लिए संकल्प ले चुका है।
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