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Saturday, December 11, 2010

सेकुलर आतंकबाद से देश को खतरा ,देश भक्तो को आगे आना पड़ेगा

   भारत हमेशा बहु सांस्कृतिक -बहु भाषिक देश रहा है इसकी पाचन शक्ति बड़ी ही मजबूत रही है जिस प्रकार बहुत सी नदिया गंगा जी में मिलकर भी और कुछ न होकर गंगा जी ही रहती है भारत के पूर्बी, दक्षिणी और उत्तरी दिशा में सैकड़ो  नदिया समुद्र मिलकर भी समुद्र के प्रकृति में कोई परिवर्तन नही कर पाती समुद्र, समुद्र ही बना रहता है उसी प्रकार हजारो वर्षो से बिभिन्न प्रकार की संस्कृतिया यहाँ आयी सभी यहाँ समाहित हो गयी लेकिन भारत, भारत बना रहा ,लेकिन यह कबतक जबतक भारत की सीमा सिन्धु उस पर अफगानिस्तान से तिब्बत और बर्मा तक था जहा सुख समृद्धि और शांति थी यहाँ की नदियों ने यहाँ की भूमि को उर्बर बना यहाँ के राजाओ द्वारा इस धरती को धन-धन्य से परिपूर्ण बनाया जिससे यहाँ बिचार को लेकर कभी युद्ध नही हुए यहाँ बिचारो को लेकर शास्त्रार्थ, संबाद  हुए बड़े -बड़े ग्रंथो की मानव  कल्याण हेतु रचना हुई सभी वेदाध्ययन स्वाध्याय करते, इसी चिंतन क़ा परिणाम हमने प्रत्येक बृक्ष में, नदियों में, और पत्थरो में देवता अर्थात भगवान के दर्शन किये ऐसे समृद्धि शाली हमारी संस्कृति थी इन्हहि कारणों से सम्पूर्ण विश्व भारत को विश्व गुरु कहा जाता था .
       क्या हो गया भारत को और क्या हो गया हमें ? जिस मूल्य के नाते राष्ट्र की महानता थी, मानव संस्कृति शीर्ष पर थी  आज उसी संस्कृति को देश बिरोधी कहा जाने लगा ? ये सब अचानक नही हुआ कोई १२०० वर्ष पूर्ब मुहम्मद गोरी क़ा हमला भारत पर हुआ, पृथ्बी राज चौहान द्वारा सोलह बार पराजित होने के बावजूद गोरी का हमला बंद नही हुआ, महमूद गजनवी द्वारा सोमनाथ को तोडना, नादिर साह क़ा कुत्सित अत्याचार भी हिन्दू समाज को इस्लाम  नही समझा सका, राजा महराजा बिभक्त होने के कारण हम कमजोर होने लगे अपनी कमजोरी को ही हम सहिशुनता मानने लगे, ब्रिटिस काल में केवल महर्षि दयानंद सरस्वती एक ऐसे महापुरुष हुए जिन्होंने इस्लाम के बारे में हिन्दुओ को सावधान किया .
           देश आज़ादी के पश्चात् एक ऐसी संस्कृति ने जन्म लिया जिसे हम सेकुलर के नाम से जानते है लेकिन भारतीय समाज आज भी सेकुलर क़ा अर्थ नही समझती, सेकुलर के नाम पर हिन्दु समाज के  बिरोध के अतिरिक्त कुछ भी नही, जहा -जहा हिन्दू नही रहा वह-वह भाग भारत नही रहा भारत का ही भाग कोई अफगानिस्तान, कोई पाकिस्तान, कोई बंगला देश इत्यादि हो गया भारत में ही कश्मीर की समस्या केवल इस्लामिक समस्या है कश्मीर घाटी से हिन्दू भगा दिया गया सेना के सहारे आज कश्मीर बचा हुआ है कैथोलिक सोनिया, मनमोहन यह तय कर चुके है कि वह भारत क़ा भाग नही रहेगा उसके लिए सरकारी योजना से कश्मीरी अलगाव बादी नेताओ और अरुंधती राय देश में घूम-घूम कर बाताबरण बनाने क़ा प्रयत्न कर रहे है, महाराणाप्रताप और क्षत्रपति शिवाजी को देश द्रोही और अकबर, औरंगजेब को देश क़ा हीरो बनाने क़ा प्रयत्न हो रहा है सेकुलर के नाम पर रानी लक्ष्मीबाई, हल्दी घाटी, शिवा बावनी, भगत सिंह इत्यादि शिक्षा के पाठ्यक्रम से निकाल दिया गया गुरु गोविन्द सिंह, दयानंद सरस्वती आतंकबादी थे ये बर्तमान पाठ्यक्रम में पढाया जा रहा है .कुछ बुद्धिजीवी नेता भाषण करते है कि यहाँ गंगा, यमुनी संस्कृति है शायद उन्हें पता नहीं कि जहा यमुना जी- गंगा जीमें  प्रयाग संगम पर मिलती है वही उनका अस्तित्व समाप्त हो जाता है प्रयाग से आगे केवल गंगा जी ही रहती है इस नाते भारत क़ा अर्थ केवल हिन्दू संस्कृति ही है और कुछ नही.
          योजना बद्ध तरीके से सेकुलर के नाम पर देश भक्तो को आतंकबादी बताने क़ा प्रयास हो रहा है देश को आज़ादी केवल चरखा काटने, नेहरु परिवार से मिली ये बताने क़ा प्रयत्न ----लाखो लोगो ने  फासी के फंदे को चूमा, भगत सिंह ,चन्द्रशेखर और सुभाष बाबू जैसो क़ा नाम गायब करने क़ा षड़यंत्र, हमलावर मुस्लिम आक्रंताओ ने भारतीय भूमि पर केवल हमला ही नही किया अपितु लुट ,हत्या भी की, उन्होंने हमारे आराध्य भगवान राम, कृष्ण और भगवान शंकर के मंदिरों को ढहाकर हिन्दू समाज क़ा अपमान ही किया है, इस्लाम कोई प्रेम- मोहब्बत बाटने वाला धर्म न होकर ये एक हाथ में कुरान दुसरे हाथ में तलवार से हिंसा हत्या के द्वारा जबरदस्ती लोगो को मुसलमान बनाने का अक्षम्य अपराध किया, भारत आजाद हुआ राम मंदिर आन्दोलन शुरू हुआ अयोध्या कारसेवा से लौटते हुए हुन्दुओ को गोधरा में जलाकर मारदिया गया गुजरात के हिन्दुओ ने प्रतिक्रिया की उसमे कुछ मुसलमान मारे गए लेकिन हजारो मंदिरों को पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान में मुसलमानों ने तोडा, लेकिन केवल हिन्दू ही दोसी- यही सेकुलर नीति है सेकुलर ताकते आज-तक नरेन्द्र मोदी को अपराधी कहती रही है और वे लगातार चुनाव पर चुनाव जीत रहे है जब की सभी अदालतों ने उन्हें बरी कर दिया है.एक बहुत अच्छा उदहारण दे रहा हू गुजरात दंगे में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी वह दंगे करने का एक्सपर्ट व एक बड़ा अपराधी भी था उसके ऊपर कई मुक़दमे भी थे हिन्दू उनसे अत्यंत पीड़ित था इतने वर्ष बाद भी सेकुलर आतंकी तिश्ता जावेद मानवाधिकार के नाम पर पूरे गुजरात को बदनाम करने का प्रयत्न करना, हिदुओ को जैसे इस देश के नागरिक ही न हो इस प्रकार का ब्यवहार केंद्र सरकार द्वारा करना क्या दर्शाता है ? 
            हिन्दुबादी देशभक्त संगठनों को सिम्मी के समकक्ष  बताकर देश भक्तो क़ा अपमान करने क़ा दुस्साहस, सेकुलर के नाम पर अफजल, कसाव जैसे आतंक बादियो क़ा बचाव, भारत की धार्मिक राजधानी पर आतंकबादी हमला के बावजूद सेकुलर गृहमंत्री ने कहा कि ये बिगड़े नवजवानों क़ा काम है कहकर सेकुलर आतंकियों क़ा बचाव ही किया, देश सेकुलर आतंकबाद से त्रस्त है क्या ये सेकुलरिष्ट यह बताने क़ा कष्ट करेगे कि यदि किसी हिन्दू ने मक्का पर बम मारा होता तो क्या वे चुप रहते ----? इसका जबाब हिन्दू समाज को चाहिए सेकुलर आतंक की पुरोधा सोनिया, मनमोहन व  चिदंबरम, बामपंथी खेमा और तथा -कथित समाजबादी खेमा ही रहा है प्रत्येक देशभक्त नागरिको क़ा कर्तब्य है कि सेकुलर आतंकियों  क़ा मुकाबला करने को तैयार हो जाय.  

Friday, December 10, 2010

v h p

नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री डॉ. प्रवीणभाई तोगड़िया ने काशी में शीतला घाट पर गंगा आरती के दौरान हुए धमाके की कड़ी निंदा की है और कहा कि यह आतंकी घटना नहीं हो सकती। हिंदुओं का खून बहाने वालों को काशी कभी माफ नहीं करेगी। 

उल्लेखनीय है कि मंगलवार की शाम करीब 6.35 बजे गंगा आरती के दौरान प्राचीन शीतला माता घाट और दशाश्वमेध घाट के बीचों-बीच धमाके हुए। इसमें एक डेढ़ वर्ष की बच्ची की मौत हो गई जबकि 37 लोग घायल हुए हैं। घायलों में 4 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।

डॉ. तोगड़िया ने कहा- “मंगलवार के ही दिन २००६ में काशी के संकटमोचन मंदिर में धमाका हुआ था; गंगा आरती के समय मंगलवार को ही धमाका कर आरती बीच में रोकने का यह जेहादी षड्यंत्र भारत की श्रद्धा और भारत का धार्मिक हृदय काशी; इन दोनों पर घिनौना हमला है! कपूर आरती चल रही थी, हजारों श्रद्धालु गंगा माँ की पूजा में जुटे थे, अनेकों पंडित मंत्रोच्चार कर रहे थे, छोटी-छोटी गरीब बच्चियाँ नावों में बैठे हजारों श्रद्धालुओं को पत्ते के कोण में रखे दीप-गंगा माँ में बहाने के लिए बेच रही थीं। युवा पंडित हाथों में वजनदार अनेकों बातियों की आरतियाँ लेकर गंगा माँ की प्रार्थना कर रहे थे, ऐसे में यह धमाका करना केवल विकृत मानसिकता का परिचय नहीं; यह तो भारत की अतिप्राचीन और विश्व की एकमेव जीवित नगरी ख़त्म करने के लिए जान बूझकर किया हुआ जेहाद है!” 

उन्होंने कहा- “गंगा माँ की आरती के सारे सुर, मन्त्र, ताल रोकना और हिंदुओं की पूजा में विघ्न डालना यह उसी प्रकार का घिनौना जेहाद है जिसके तहत कभी काशी विश्वनाथ मंदिर, बिंदुमाधव मंदिर और श्रीरामजन्मभूमि मंदिर सहित ऐसे कई मंदिर तोड़े गए थे।”


विहिप महामंत्री ने कहा- “काशी के ८० घाटों पर हिंदुओं की परंपरागतगत पूजाएँ, विधि चलते हैं। वहाँ हिंदू धर्म ना मानने वालों और गंगा आरती में श्रद्धा से आने वाले हिंदुओं को धक्के मारकर मजाक उड़ानेवाले वालों का क्या काम? तुरंत काशी के सभी घाटों पर अहिंदुओं का प्रवेश वर्जित किया जाय। विश्वनाथ मंदिर सहित काशी की सभी गलियों में, जहाँ करीबन ६०० से अधिक प्राचीन मंदिर, तीर्थ,  कुण्ड, कूप हैं, वहाँ अहिंदुओं का प्रवेश वर्जित किया जाय। गंगा माँ की पूजा के लिए पहुंचाया गया दूध भी अब काशी में सुरक्षित नहीं है?”

उन्होंने कहा- “अगर हज हॉउस में, मस्जिदों में हिंदुओं को प्रवेश नहीं, तो हिंदुओं की देव नगरी काशी के घाटों पर, मंदिरों- तीर्थों, कुंडो कूपों पर अहिंदुओं को प्रवेश क्यों? यह प्रवेश तुरंत वर्जित किया जाय और काशी को 'विश्व संरक्षित धरोहर' घोषित कर काशी के लिए सुरक्षा दी जाय।”

डॉ. तोगड़िया ने कहा- “काशी सहित देश-विदेश के संपूर्ण हिंदुओं का विश्व हिंदू परिषद आवाहन करती है कि इस घिनौने जेहादी हमले का विरोध लोकतांत्रिक पद्धति से करें और जब तक अहिंदुओं को काशी के घाटों, मंदिरों, तीर्थों, कुण्डों, कूपों पर प्रवेश वर्जित ना किया जाय तब तक यह लोकतांत्रिक आंदोलन जारी रखें।”