बजरंग दल वैशाली महानगर साहिबाबाद
बजरंग दल विश्व हिंदू परिषद की कड़ी का युवा चेहरा है। इसकी शुरुआत 1 अक्तूबर 1984 मे सबसे पहले भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त से हुई जिसका बाद में पूरे भारत में विस्तार हुआ। हिंदुत्व हमारा परिवार का मुख्य दर्शन है।'सबसे बड़ा उद्देश्य अयोध्या में रामजन्म भूमि को मुक्त कराना था. विदेशी आक्रान्ताओं ने जिस तरह हमारे मठ-मंदिरों को अपमानित किया, उसके बारे में समाज को बताना और आगे ऐसा न हो, इसके लिए समाज को संगठित करना हमारा उद्देश्य है.
Tuesday, March 6, 2012
Tuesday, February 21, 2012
गौ मांस निर्यात खोलने से संविधान और धर्म दोनों की होगी हत्या :
नई दिल्ली फ़रवरी 19, 2012। भारत सरकार के पशुपालन विभाग द्वारा गऊ मांस के निर्यात की संस्तुति से आहत दिल्ली के प्रमुख धार्मिक व सामाजिक संगठन लामबन्द नजर आए। सभी ने एक स्वर से प्रस्ताव पारित कर सरकार की थू-थू करते हुए इसे हिन्दुओं की आस्था पर चोट व देश की अर्थव्यवस्था के खिलाफ़ एक घिनौना षडयंत्र करार दिया। लगभग एक दर्जन से अधिक प्रमुख हिन्दुवादी व राष्ट्र प्रेमी गौ भक्तों के संगठनों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों तथा पूज्य संतों ने सरकार को चेतावनी भरे स्वर में कहा कि यदि सरकार गऊ माता की हत्या पर उतारू रहती है तो देश भर में एक ऐसा लोकतांत्रिक अलख जगाएंगे कि यूपीए सरकार तो क्या इसको समर्थन देने वाले भी धराशायी नजर आएंगे।वैठक की जानकारी देते हुए विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख बताया कि दिल्ली के झण्डेवाल देवी मन्दिर के सभागार में आज प्रात: से ही बैठक में आने वाले गौ भक्तों के माथे पर गौमांस निर्यात को लेकर चिन्ता साफ़ नजर आ रही थी। पूज्य संतों की अध्यक्षता में भारतीय गौवंश रक्षण एवं संवर्धन परिषद दिल्ली द्वारा बुलाई गई इस बैठक में जब सबने अपनी-अपनी बात रखी तो उपस्थित गौ भक्त सरकार के इस ह्रदयवेधक कार्य के खिलाफ़ आपने क्रोध को रोक न सके। उनकी भाषा शैली में आहत भावनाओं का समावेश स्पष्ट नजर आ रहा था। सभी ने एक स्वर से प्रस्ताव पारित कर सरकार से आग्रह किया कि अपने पशुपालन विभाग व योजना आयोग को तुरन्त निर्देश दे कि वे गौ मांस निर्यात संबन्धी अपने प्रस्ताव को अविलम्ब निरस्त कर देश के सौ करोड हिन्दुओं व क्रषि पर आधारित जनता से माफ़ी मागे अन्यथा इसके गम्भीर लोकतांत्रिक परिणाम भुगतने पडेंगे। यह भी तय किया गया कि यदि सरकार नहीं चेती तो हम न्यायालय की शरण में भी जाएंगे।भारतीय गौवंश रक्षण एवं संवर्धन परिषद के प्रान्त महामंत्री द्वारा बुलाई गई इस बैठक को परिषद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष , प्रदेश अध्यक्ष , विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय गौ रक्षा प्रमुख , क्षेत्रीय गौरक्षा प्रमुख , प्रान्त उपाध्यक्ष , वरिष्ठ अधिवक्ता , राष्ट्रीय गौधन महा संघ , हिन्दू महा सभा , हरियाणा राज्य गौ शाला संघ , राष्ट्रीय सिक्ख संगत , गायत्री परिवार , दिव्य योग जाग्रति मिशन , वानर सेना , आर्य समाज , भाजपा के गौवंस विकास प्रकोष्ठ , भारत गौ सेवक समाज , जैन समाज , अखिल भारत हिन्दू महा सभा व लव फ़ोर काऊ के साथ संतों , जैनाचार्य अनेक गौ भक्तों ने संबोधित किया।
गौ मांस निर्यात खोलने से नाराज विहिप ने भेजा प्रधान मंत्री को पत्र (योजना आयोग को भी चेताया, कहा गौ मांस का निर्यात घिनौनी करतूत)
नई दिल्ली फ़रवरी 17, 2012। विश्व हिन्दू परिषद ने भारत सरकार के पशुपालन विभाग द्वारा गऊ मांस के निर्यात को खोले जाने की संस्तुति पर अपनी कडी आपत्ति दर्ज करते हुए प्रधान मंत्री डा मनमोहन सिंह को एक पत्र भेजा है। विहिप के वरिष्ठ सलाहकार श्री अशोक सिंहल, उपाध्यक्ष श्री ओम प्रकाश सिंहल व अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री श्री चंपत राय द्वारा हस्ताक्षरित यह ज्ञापन प्रधान मंत्री के साथ योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री मोन्टेक सिंह अहलूवालिया को भी भेजा गया है। ज्ञापन में यह मांग की गई है कि सौ करोड से अधिक भारतीयों की आस्था व विश्वास का केन्द्र, देश की क्रषि आधारित अर्थव्यवस्था की नींव, पर्यावरण की रक्षक व संविधान तथा न्यायालयों के निर्णयानुसार संरक्षित गऊ माता के मांस के निर्यात संबन्धी घ्रणित प्रस्ताव को अविलम्ब निरस्त किया जाए। पत्र की प्रति मीडिया को जारी करते हुए विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख ने बताया कि बारहवीं पंच-वर्षीय योजना (2012-2017) के लिए भारत सरकार के पशुपालन व डेयरी विभाग के वर्किंग ग्रुप ने योजना आयोग को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है जिसके अध्याय -12 के पैरा 12-3-1 के अन्तर्गत यह कहा गया है कि “वर्तमान में गऊ मांस निर्यात पर प्रतिवन्ध है; अत: आयात निर्यात नीति में आवश्यक संशोधन कर गऊ मांस के निर्यात की स्वीक्रति दी जाए”। इस प्रस्ताव पर अपनी कडी आपत्ति दर्ज करते हुए विश्व हिन्दू परिषद ने प्रधान मंत्री को लिखा है कि देश की हरित क्रांति व स्वेत क्रान्ति का आधार, गुरू गोविन्द सिंह जी महाराज तथा छत्रपति शिवा जी महाराज के “गऊ, गरीव और धर्म” के संदेश, महात्मा गांधी के गऊ रक्षा के संकल्प, नामधारी समाज के गऊ रक्षार्थ बलिदान को सदा याद रखते हुए ऐसे शर्मनाक, बेहूदे व दुखदायी प्रस्ताव को वे तुरन्त निरस्त करें। ज्ञापन में संविधान के अनुच्छेद 48 में निहित राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों में गऊबंस की रक्षा के संकल्प, अनुच्छेद 51ए(1)(जी) में निहित प्राणियों के प्रति करुणा भाव संवंधी मौलिक कर्तव्यों तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के गुजरात सरकार वनाम मिर्जापुर मोती कुरेशी कसाब जमात व अन्य के संम्बन्ध में दिए गये निर्णय का जिक्र भी किया गया है जिसमें केन्द्र सरकार को, गऊ मांस निर्यात से होने वाली हानियों का वर्णन करते हुए, इस पर रोक लगाने को कहा गया था। विहिप ने चेताया है कि यदि इस प्रस्ताव को तुरन्त निरस्त नहीं किया गया तो संतों के नेतृत्व में हिन्दू समाज सडकों पर उतरने को मजबूर होगा।
Wednesday, February 8, 2012
Wednesday, February 1, 2012
आगामी चार फरवरी को
स्वामी रामदेव जी और डा.सुब्रमन्यन स्वामी जी होंगे मावलंकर हॉल दिल्ली में |
इस सभा को सुचारू रूप से आयोजित करने के लिए कुछ वालंटि की जरुँरत है ! जो भी देश भक्त सेवा में आना चाहते है वो मुझे बता दे ..!
सभा को सफल बनाने के लिए आप सबका योगदान जरुरी है ! आपका अपना कार्यक्रम है !!
जय श्री राम
DR.Subramanian Swamy
Chairperson
Action Committee Against Corruption in india
invites you to a public meeting on Saturday 4th February , 3.30 p.m
at Mavalankar Auditorium , Rafi Marg , New Delhi
Guest of Honour - Swami Ramdev ji Maharaj
Tuesday, November 1, 2011
Monday, October 31, 2011
Sunday, September 4, 2011
इस्लाम में गाय का महत्व
1. “गाय चौपायों की सरदार है” – कुरान
2. ” गाय का दूध-घ...ी शिफा (दवा) है और गौमांस बीमारी है” मोहम्मद साहब
3. “खुदा के पास खून और गोश्त नहीं पहुँचता – त्याग की भावना पहुँचती है”
4. एक धार्मिक महिला को बिल्ली को मारने के कारण दोजख मिला, एक बदनाम महिला को कुत्ते को पानी पिलाने के कारण जन्नत मिली.
5. जिस देश में रहते हो उसके कानून का पालन करो.
6. पडोसी को दुःख पहुँचाना पाप है.
7. बाबर से बहादुर शाह जफ़र तक के शासन काल में गोहत्या प्रतिबंधित थी.
8. बहादुर शाह जफर ने स्वयं मुनादी फिरवाई थी कि बकरीद पर गाय की कुर्बानी करने वाले को तोप से उड़ा दिया जायेगा
9. “गो हत्या करने वाले के विरुद्ध, क़यामत के दिन, मोहम्मद साहब गवाही देंगे” – देव बंद के फतवे का सार,
राष्ट्रिय मुस्लिम मंच
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक १६-११-९४ का सारांश
1. पश्चिम बंगाल पशु हत्या नियंत्रण अधिनियम १९५०-गाय-भैंस सहित पशुओं की हत्या रोकने के उद्देश्य से बना है.
2. राज्य सरकार वैकल्पिक धार्मिक कृत्य हेतु धारा १२ के अंतर्गत छूट नहीं दे सकती.
3. धारा ५ के अनुसार - प्रमाण पत्र मिलने के बाद भी, केवल निर्धारित स्थान (कत्लखाने) के आलावा किसी अन्य स्थान पर पशु का वध नहीं हो सकता.
4. धारा ७ के अनुसार दोषी व्यक्ति को ६ माह का कारावास या १००० का जुर्मना या दोनों की सजा हो सकती है.
5. धारा ९ के अनुसार अपराध करने का प्रयास करने या प्रोत्साहित करने पर भी दण्डित किया जा सकता है.
6. चूँकि बकरीद पर गाय की कुर्बानी आवश्यक धार्मिक कृत्य नहीं है अतः बकरीद समेत सभी दिनों के लिए गायों की हत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध, संविधान के अनुछेद २५ (१) के विरुद्ध नहीं है.
7, मुग़ल बादशाह बाबर, हुमायूं, अकबर, जहाँगीर एवं अहमद शाह ने भी गोहत्या पर प्रतिबन्ध लगाया था.
8. कानून की चर्चा से स्थिर हो जाता है कि मुसलमानों को बकरीद पर स्वस्थ गायों की कुर्बानी हेतु आग्रह करने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है.
9. चूँकि गायों की कुर्बानी एक आवश्यक धार्मिक कृत्य नहीं अतः राज्य सरकार के पास भी यह अधिकार नहीं कि वह धारा १२ के अंतर्गत छूट दे सके.
2. ” गाय का दूध-घ...ी शिफा (दवा) है और गौमांस बीमारी है” मोहम्मद साहब
3. “खुदा के पास खून और गोश्त नहीं पहुँचता – त्याग की भावना पहुँचती है”
4. एक धार्मिक महिला को बिल्ली को मारने के कारण दोजख मिला, एक बदनाम महिला को कुत्ते को पानी पिलाने के कारण जन्नत मिली.
5. जिस देश में रहते हो उसके कानून का पालन करो.
6. पडोसी को दुःख पहुँचाना पाप है.
7. बाबर से बहादुर शाह जफ़र तक के शासन काल में गोहत्या प्रतिबंधित थी.
8. बहादुर शाह जफर ने स्वयं मुनादी फिरवाई थी कि बकरीद पर गाय की कुर्बानी करने वाले को तोप से उड़ा दिया जायेगा
9. “गो हत्या करने वाले के विरुद्ध, क़यामत के दिन, मोहम्मद साहब गवाही देंगे” – देव बंद के फतवे का सार,
राष्ट्रिय मुस्लिम मंच
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक १६-११-९४ का सारांश
1. पश्चिम बंगाल पशु हत्या नियंत्रण अधिनियम १९५०-गाय-भैंस सहित पशुओं की हत्या रोकने के उद्देश्य से बना है.
2. राज्य सरकार वैकल्पिक धार्मिक कृत्य हेतु धारा १२ के अंतर्गत छूट नहीं दे सकती.
3. धारा ५ के अनुसार - प्रमाण पत्र मिलने के बाद भी, केवल निर्धारित स्थान (कत्लखाने) के आलावा किसी अन्य स्थान पर पशु का वध नहीं हो सकता.
4. धारा ७ के अनुसार दोषी व्यक्ति को ६ माह का कारावास या १००० का जुर्मना या दोनों की सजा हो सकती है.
5. धारा ९ के अनुसार अपराध करने का प्रयास करने या प्रोत्साहित करने पर भी दण्डित किया जा सकता है.
6. चूँकि बकरीद पर गाय की कुर्बानी आवश्यक धार्मिक कृत्य नहीं है अतः बकरीद समेत सभी दिनों के लिए गायों की हत्या पर पूर्ण प्रतिबन्ध, संविधान के अनुछेद २५ (१) के विरुद्ध नहीं है.
7, मुग़ल बादशाह बाबर, हुमायूं, अकबर, जहाँगीर एवं अहमद शाह ने भी गोहत्या पर प्रतिबन्ध लगाया था.
8. कानून की चर्चा से स्थिर हो जाता है कि मुसलमानों को बकरीद पर स्वस्थ गायों की कुर्बानी हेतु आग्रह करने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है.
9. चूँकि गायों की कुर्बानी एक आवश्यक धार्मिक कृत्य नहीं अतः राज्य सरकार के पास भी यह अधिकार नहीं कि वह धारा १२ के अंतर्गत छूट दे सके.
Monday, January 24, 2011
अयोध्या में शीघ्र होगा राम मंदिर का निर्माण
हिन्दू संगठनों को बदनाम करने, विशेष कर आतंकी संगठनों से तुलना किये जाने से अयोध्या के परम संत एवं रामजन्म न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास आहत हैं। कहते हैं कि अंधेरा कितना भी घना क्यों न हो उसका अंत निश्चित होता है। रात के बाद प्रभात शाश्वत सत्य है। देश भी इस समय बुरी परिस्थिति से गुजर रहा है। साधु संतो को योजनाबद्ध ढंग से बदनाम किया जा रहा है। न्यायालय से राम जन्म भूमि का निर्णय आने के बावजूद राष्ट्र विरोधी तत्व मंदिर निर्माण की राह में रोड़ा अटका रहे हैं, पर वह सफल नहीं होंगे। जन्मभूमि पर शीघ्र ही भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जायेगा।
महंत नृत्य गोपाल दास शनिवार को यहां बस्ती आगमन पर 'दैनिक जागरण' से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार अल्पसंख्यक वोट के लिए हिन्दू समाज को कटघरे में खड़ा कर रही है। भगवा आतंकवाद का शिगूफा इसी साजिश का नतीजा है। हिन्दू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता। राम मंदिर निर्माण अवश्य होगा, उसे कोई टाल नहीं सकता।
योजना का खुलासा करते हुए नृत्य गोपाल दास ने कहा कि हनुमत शक्ति जागरण के माध्यम से देश भर में पांच हजार धर्म सभाएं हो रही हैं। हनुमत शक्ति के जागरण से मंदिर निर्माण में आने वाली हर बाधा स्वत: समाप्त हो जाएगी।
उन्होंने दु:ख व्यक्त किया कि सरकार देश भक्ति के पर्याय राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर आतंकवादी संगठन होने का आरोप लगा रही है, जबकि किसी भी जांच में संघ के पदाधिकारी दोषी नहीं पाए गए हैं। सरकार को प्रतिबंध लगाना है तो जेहादी संगठनों पर लगाए जो देश को बर्बाद करने पर तुले हैं।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा। अयोध्या की पहचान रामजन्म भूमि से है। मंदिर अपने मूल lस्थान पर ही बनेगा, इसे कोई ताकत रोक नहीं सकती। राम जन्म भूमि न्यास इसके लिए संकल्प ले चुका है।
Saturday, December 11, 2010
सेकुलर आतंकबाद से देश को खतरा ,देश भक्तो को आगे आना पड़ेगा
भारत हमेशा बहु सांस्कृतिक -बहु भाषिक देश रहा है इसकी पाचन शक्ति बड़ी ही मजबूत रही है जिस प्रकार बहुत सी नदिया गंगा जी में मिलकर भी और कुछ न होकर गंगा जी ही रहती है भारत के पूर्बी, दक्षिणी और उत्तरी दिशा में सैकड़ो नदिया समुद्र मिलकर भी समुद्र के प्रकृति में कोई परिवर्तन नही कर पाती समुद्र, समुद्र ही बना रहता है उसी प्रकार हजारो वर्षो से बिभिन्न प्रकार की संस्कृतिया यहाँ आयी सभी यहाँ समाहित हो गयी लेकिन भारत, भारत बना रहा ,लेकिन यह कबतक जबतक भारत की सीमा सिन्धु उस पर अफगानिस्तान से तिब्बत और बर्मा तक था जहा सुख समृद्धि और शांति थी यहाँ की नदियों ने यहाँ की भूमि को उर्बर बना यहाँ के राजाओ द्वारा इस धरती को धन-धन्य से परिपूर्ण बनाया जिससे यहाँ बिचार को लेकर कभी युद्ध नही हुए यहाँ बिचारो को लेकर शास्त्रार्थ, संबाद हुए बड़े -बड़े ग्रंथो की मानव कल्याण हेतु रचना हुई सभी वेदाध्ययन स्वाध्याय करते, इसी चिंतन क़ा परिणाम हमने प्रत्येक बृक्ष में, नदियों में, और पत्थरो में देवता अर्थात भगवान के दर्शन किये ऐसे समृद्धि शाली हमारी संस्कृति थी इन्हहि कारणों से सम्पूर्ण विश्व भारत को विश्व गुरु कहा जाता था .
क्या हो गया भारत को और क्या हो गया हमें ? जिस मूल्य के नाते राष्ट्र की महानता थी, मानव संस्कृति शीर्ष पर थी आज उसी संस्कृति को देश बिरोधी कहा जाने लगा ? ये सब अचानक नही हुआ कोई १२०० वर्ष पूर्ब मुहम्मद गोरी क़ा हमला भारत पर हुआ, पृथ्बी राज चौहान द्वारा सोलह बार पराजित होने के बावजूद गोरी का हमला बंद नही हुआ, महमूद गजनवी द्वारा सोमनाथ को तोडना, नादिर साह क़ा कुत्सित अत्याचार भी हिन्दू समाज को इस्लाम नही समझा सका, राजा महराजा बिभक्त होने के कारण हम कमजोर होने लगे अपनी कमजोरी को ही हम सहिशुनता मानने लगे, ब्रिटिस काल में केवल महर्षि दयानंद सरस्वती एक ऐसे महापुरुष हुए जिन्होंने इस्लाम के बारे में हिन्दुओ को सावधान किया .
देश आज़ादी के पश्चात् एक ऐसी संस्कृति ने जन्म लिया जिसे हम सेकुलर के नाम से जानते है लेकिन भारतीय समाज आज भी सेकुलर क़ा अर्थ नही समझती, सेकुलर के नाम पर हिन्दु समाज के बिरोध के अतिरिक्त कुछ भी नही, जहा -जहा हिन्दू नही रहा वह-वह भाग भारत नही रहा भारत का ही भाग कोई अफगानिस्तान, कोई पाकिस्तान, कोई बंगला देश इत्यादि हो गया भारत में ही कश्मीर की समस्या केवल इस्लामिक समस्या है कश्मीर घाटी से हिन्दू भगा दिया गया सेना के सहारे आज कश्मीर बचा हुआ है कैथोलिक सोनिया, मनमोहन यह तय कर चुके है कि वह भारत क़ा भाग नही रहेगा उसके लिए सरकारी योजना से कश्मीरी अलगाव बादी नेताओ और अरुंधती राय देश में घूम-घूम कर बाताबरण बनाने क़ा प्रयत्न कर रहे है, महाराणाप्रताप और क्षत्रपति शिवाजी को देश द्रोही और अकबर, औरंगजेब को देश क़ा हीरो बनाने क़ा प्रयत्न हो रहा है सेकुलर के नाम पर रानी लक्ष्मीबाई, हल्दी घाटी, शिवा बावनी, भगत सिंह इत्यादि शिक्षा के पाठ्यक्रम से निकाल दिया गया गुरु गोविन्द सिंह, दयानंद सरस्वती आतंकबादी थे ये बर्तमान पाठ्यक्रम में पढाया जा रहा है .कुछ बुद्धिजीवी नेता भाषण करते है कि यहाँ गंगा, यमुनी संस्कृति है शायद उन्हें पता नहीं कि जहा यमुना जी- गंगा जीमें प्रयाग संगम पर मिलती है वही उनका अस्तित्व समाप्त हो जाता है प्रयाग से आगे केवल गंगा जी ही रहती है इस नाते भारत क़ा अर्थ केवल हिन्दू संस्कृति ही है और कुछ नही.
योजना बद्ध तरीके से सेकुलर के नाम पर देश भक्तो को आतंकबादी बताने क़ा प्रयास हो रहा है देश को आज़ादी केवल चरखा काटने, नेहरु परिवार से मिली ये बताने क़ा प्रयत्न ----लाखो लोगो ने फासी के फंदे को चूमा, भगत सिंह ,चन्द्रशेखर और सुभाष बाबू जैसो क़ा नाम गायब करने क़ा षड़यंत्र, हमलावर मुस्लिम आक्रंताओ ने भारतीय भूमि पर केवल हमला ही नही किया अपितु लुट ,हत्या भी की, उन्होंने हमारे आराध्य भगवान राम, कृष्ण और भगवान शंकर के मंदिरों को ढहाकर हिन्दू समाज क़ा अपमान ही किया है, इस्लाम कोई प्रेम- मोहब्बत बाटने वाला धर्म न होकर ये एक हाथ में कुरान दुसरे हाथ में तलवार से हिंसा हत्या के द्वारा जबरदस्ती लोगो को मुसलमान बनाने का अक्षम्य अपराध किया, भारत आजाद हुआ राम मंदिर आन्दोलन शुरू हुआ अयोध्या कारसेवा से लौटते हुए हुन्दुओ को गोधरा में जलाकर मारदिया गया गुजरात के हिन्दुओ ने प्रतिक्रिया की उसमे कुछ मुसलमान मारे गए लेकिन हजारो मंदिरों को पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान में मुसलमानों ने तोडा, लेकिन केवल हिन्दू ही दोसी- यही सेकुलर नीति है सेकुलर ताकते आज-तक नरेन्द्र मोदी को अपराधी कहती रही है और वे लगातार चुनाव पर चुनाव जीत रहे है जब की सभी अदालतों ने उन्हें बरी कर दिया है.एक बहुत अच्छा उदहारण दे रहा हू गुजरात दंगे में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी वह दंगे करने का एक्सपर्ट व एक बड़ा अपराधी भी था उसके ऊपर कई मुक़दमे भी थे हिन्दू उनसे अत्यंत पीड़ित था इतने वर्ष बाद भी सेकुलर आतंकी तिश्ता जावेद मानवाधिकार के नाम पर पूरे गुजरात को बदनाम करने का प्रयत्न करना, हिदुओ को जैसे इस देश के नागरिक ही न हो इस प्रकार का ब्यवहार केंद्र सरकार द्वारा करना क्या दर्शाता है ?
हिन्दुबादी देशभक्त संगठनों को सिम्मी के समकक्ष बताकर देश भक्तो क़ा अपमान करने क़ा दुस्साहस, सेकुलर के नाम पर अफजल, कसाव जैसे आतंक बादियो क़ा बचाव, भारत की धार्मिक राजधानी पर आतंकबादी हमला के बावजूद सेकुलर गृहमंत्री ने कहा कि ये बिगड़े नवजवानों क़ा काम है कहकर सेकुलर आतंकियों क़ा बचाव ही किया, देश सेकुलर आतंकबाद से त्रस्त है क्या ये सेकुलरिष्ट यह बताने क़ा कष्ट करेगे कि यदि किसी हिन्दू ने मक्का पर बम मारा होता तो क्या वे चुप रहते ----? इसका जबाब हिन्दू समाज को चाहिए सेकुलर आतंक की पुरोधा सोनिया, मनमोहन व चिदंबरम, बामपंथी खेमा और तथा -कथित समाजबादी खेमा ही रहा है प्रत्येक देशभक्त नागरिको क़ा कर्तब्य है कि सेकुलर आतंकियों क़ा मुकाबला करने को तैयार हो जाय.
हिन्दुबादी देशभक्त संगठनों को सिम्मी के समकक्ष बताकर देश भक्तो क़ा अपमान करने क़ा दुस्साहस, सेकुलर के नाम पर अफजल, कसाव जैसे आतंक बादियो क़ा बचाव, भारत की धार्मिक राजधानी पर आतंकबादी हमला के बावजूद सेकुलर गृहमंत्री ने कहा कि ये बिगड़े नवजवानों क़ा काम है कहकर सेकुलर आतंकियों क़ा बचाव ही किया, देश सेकुलर आतंकबाद से त्रस्त है क्या ये सेकुलरिष्ट यह बताने क़ा कष्ट करेगे कि यदि किसी हिन्दू ने मक्का पर बम मारा होता तो क्या वे चुप रहते ----? इसका जबाब हिन्दू समाज को चाहिए सेकुलर आतंक की पुरोधा सोनिया, मनमोहन व चिदंबरम, बामपंथी खेमा और तथा -कथित समाजबादी खेमा ही रहा है प्रत्येक देशभक्त नागरिको क़ा कर्तब्य है कि सेकुलर आतंकियों क़ा मुकाबला करने को तैयार हो जाय.
Friday, December 10, 2010
v h p
नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री डॉ. प्रवीणभाई तोगड़िया ने काशी में शीतला घाट पर गंगा आरती के दौरान हुए धमाके की कड़ी निंदा की है और कहा कि यह आतंकी घटना नहीं हो सकती। हिंदुओं का खून बहाने वालों को काशी कभी माफ नहीं करेगी।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार की शाम करीब 6.35 बजे गंगा आरती के दौरान प्राचीन शीतला माता घाट और दशाश्वमेध घाट के बीचों-बीच धमाके हुए। इसमें एक डेढ़ वर्ष की बच्ची की मौत हो गई जबकि 37 लोग घायल हुए हैं। घायलों में 4 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।
डॉ. तोगड़िया ने कहा- “मंगलवार के ही दिन २००६ में काशी के संकटमोचन मंदिर में धमाका हुआ था; गंगा आरती के समय मंगलवार को ही धमाका कर आरती बीच में रोकने का यह जेहादी षड्यंत्र भारत की श्रद्धा और भारत का धार्मिक हृदय काशी; इन दोनों पर घिनौना हमला है! कपूर आरती चल रही थी, हजारों श्रद्धालु गंगा माँ की पूजा में जुटे थे, अनेकों पंडित मंत्रोच्चार कर रहे थे, छोटी-छोटी गरीब बच्चियाँ नावों में बैठे हजारों श्रद्धालुओं को पत्ते के कोण में रखे दीप-गंगा माँ में बहाने के लिए बेच रही थीं। युवा पंडित हाथों में वजनदार अनेकों बातियों की आरतियाँ लेकर गंगा माँ की प्रार्थना कर रहे थे, ऐसे में यह धमाका करना केवल विकृत मानसिकता का परिचय नहीं; यह तो भारत की अतिप्राचीन और विश्व की एकमेव जीवित नगरी ख़त्म करने के लिए जान बूझकर किया हुआ जेहाद है!”
उन्होंने कहा- “गंगा माँ की आरती के सारे सुर, मन्त्र, ताल रोकना और हिंदुओं की पूजा में विघ्न डालना यह उसी प्रकार का घिनौना जेहाद है जिसके तहत कभी काशी विश्वनाथ मंदिर, बिंदुमाधव मंदिर और श्रीरामजन्मभूमि मंदिर सहित ऐसे कई मंदिर तोड़े गए थे।”
विहिप महामंत्री ने कहा- “काशी के ८० घाटों पर हिंदुओं की परंपरागतगत पूजाएँ, विधि चलते हैं। वहाँ हिंदू धर्म ना मानने वालों और गंगा आरती में श्रद्धा से आने वाले हिंदुओं को धक्के मारकर मजाक उड़ानेवाले वालों का क्या काम? तुरंत काशी के सभी घाटों पर अहिंदुओं का प्रवेश वर्जित किया जाय। विश्वनाथ मंदिर सहित काशी की सभी गलियों में, जहाँ करीबन ६०० से अधिक प्राचीन मंदिर, तीर्थ, कुण्ड, कूप हैं, वहाँ अहिंदुओं का प्रवेश वर्जित किया जाय। गंगा माँ की पूजा के लिए पहुंचाया गया दूध भी अब काशी में सुरक्षित नहीं है?”
उन्होंने कहा- “अगर हज हॉउस में, मस्जिदों में हिंदुओं को प्रवेश नहीं, तो हिंदुओं की देव नगरी काशी के घाटों पर, मंदिरों- तीर्थों, कुंडो कूपों पर अहिंदुओं को प्रवेश क्यों? यह प्रवेश तुरंत वर्जित किया जाय और काशी को 'विश्व संरक्षित धरोहर' घोषित कर काशी के लिए सुरक्षा दी जाय।”
डॉ. तोगड़िया ने कहा- “काशी सहित देश-विदेश के संपूर्ण हिंदुओं का विश्व हिंदू परिषद आवाहन करती है कि इस घिनौने जेहादी हमले का विरोध लोकतांत्रिक पद्धति से करें और जब तक अहिंदुओं को काशी के घाटों, मंदिरों, तीर्थों, कुण्डों, कूपों पर प्रवेश वर्जित ना किया जाय तब तक यह लोकतांत्रिक आंदोलन जारी रखें।”
उल्लेखनीय है कि मंगलवार की शाम करीब 6.35 बजे गंगा आरती के दौरान प्राचीन शीतला माता घाट और दशाश्वमेध घाट के बीचों-बीच धमाके हुए। इसमें एक डेढ़ वर्ष की बच्ची की मौत हो गई जबकि 37 लोग घायल हुए हैं। घायलों में 4 विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।
डॉ. तोगड़िया ने कहा- “मंगलवार के ही दिन २००६ में काशी के संकटमोचन मंदिर में धमाका हुआ था; गंगा आरती के समय मंगलवार को ही धमाका कर आरती बीच में रोकने का यह जेहादी षड्यंत्र भारत की श्रद्धा और भारत का धार्मिक हृदय काशी; इन दोनों पर घिनौना हमला है! कपूर आरती चल रही थी, हजारों श्रद्धालु गंगा माँ की पूजा में जुटे थे, अनेकों पंडित मंत्रोच्चार कर रहे थे, छोटी-छोटी गरीब बच्चियाँ नावों में बैठे हजारों श्रद्धालुओं को पत्ते के कोण में रखे दीप-गंगा माँ में बहाने के लिए बेच रही थीं। युवा पंडित हाथों में वजनदार अनेकों बातियों की आरतियाँ लेकर गंगा माँ की प्रार्थना कर रहे थे, ऐसे में यह धमाका करना केवल विकृत मानसिकता का परिचय नहीं; यह तो भारत की अतिप्राचीन और विश्व की एकमेव जीवित नगरी ख़त्म करने के लिए जान बूझकर किया हुआ जेहाद है!”
उन्होंने कहा- “गंगा माँ की आरती के सारे सुर, मन्त्र, ताल रोकना और हिंदुओं की पूजा में विघ्न डालना यह उसी प्रकार का घिनौना जेहाद है जिसके तहत कभी काशी विश्वनाथ मंदिर, बिंदुमाधव मंदिर और श्रीरामजन्मभूमि मंदिर सहित ऐसे कई मंदिर तोड़े गए थे।”
विहिप महामंत्री ने कहा- “काशी के ८० घाटों पर हिंदुओं की परंपरागतगत पूजाएँ, विधि चलते हैं। वहाँ हिंदू धर्म ना मानने वालों और गंगा आरती में श्रद्धा से आने वाले हिंदुओं को धक्के मारकर मजाक उड़ानेवाले वालों का क्या काम? तुरंत काशी के सभी घाटों पर अहिंदुओं का प्रवेश वर्जित किया जाय। विश्वनाथ मंदिर सहित काशी की सभी गलियों में, जहाँ करीबन ६०० से अधिक प्राचीन मंदिर, तीर्थ, कुण्ड, कूप हैं, वहाँ अहिंदुओं का प्रवेश वर्जित किया जाय। गंगा माँ की पूजा के लिए पहुंचाया गया दूध भी अब काशी में सुरक्षित नहीं है?”
उन्होंने कहा- “अगर हज हॉउस में, मस्जिदों में हिंदुओं को प्रवेश नहीं, तो हिंदुओं की देव नगरी काशी के घाटों पर, मंदिरों- तीर्थों, कुंडो कूपों पर अहिंदुओं को प्रवेश क्यों? यह प्रवेश तुरंत वर्जित किया जाय और काशी को 'विश्व संरक्षित धरोहर' घोषित कर काशी के लिए सुरक्षा दी जाय।”
डॉ. तोगड़िया ने कहा- “काशी सहित देश-विदेश के संपूर्ण हिंदुओं का विश्व हिंदू परिषद आवाहन करती है कि इस घिनौने जेहादी हमले का विरोध लोकतांत्रिक पद्धति से करें और जब तक अहिंदुओं को काशी के घाटों, मंदिरों, तीर्थों, कुण्डों, कूपों पर प्रवेश वर्जित ना किया जाय तब तक यह लोकतांत्रिक आंदोलन जारी रखें।”
Wednesday, November 17, 2010
क्या विश्व के सबसे बड़े विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को अपना स्वयं का न्यूज़ चेनल बना लेना चाहिए......??
पिछले कुछ दिनों से लगातार केंद्र सरकार के गुर्गे संघ को बदनाम करने का षड़यंत्र रच रहे हैं और मिडिया को माध्यम बनाकर साधारण सी बात को घुमा फिराकर आपत्तिजनक बता रहे है....
राहुल गाँधी के द्वारा संघ की तुलना सिमी से करने के बाद कांग्रेसी नेताओ में संघ के ऊपर छीटाकशी करने की होड़ सी मच गयी है.....
मैं देख रहा हूँ की अमूमन हर दशहरा पर संघ के पथ संचलन को शालीनता और शांति का पर्याय बताने वाले न्यूज़ चेनल इस बार एक बाल स्वयं सेवक के हाथ में तलवार के द्रश्य को दिखाकर जनता से पूछ रहे है की 'क्या संघ बच्चों को आतंकवादी बना रही है' जब की वे जानते हैं की हिन्दू समाज में दशहरा के दिन शस्त्र पूजन की परंपरा है और संघ आत्मरक्षा के लिए ही बच्चों को शस्त्र ज्ञान देता है......
अचानक से बदले मिडिया के इस रूख के पीछे का मूल कारण केंद्र सरकार के पक्ष में वातावरण तैयार कर सर्वश्रेष्ठ न्यूज़ चेनल का तमगा हासिल करना है पिछले काफी वर्षों से सर्वश्रेष्ठ और सबसे तेज़ न्यूज़ चेनल का अवार्ड आज तक को मिलता चला आ रहा है और इसी अवार्ड को हासिल करने के चक्कर में सारे न्यूज़ चेनल कांग्रेसियों के सूर में सूर मिला रहे हैं ....
अपने विचरों को आम जन मानस तक पहुँचाने के लिए एवं हिंदुत्व की विचारधारा से आम जनता को जोड़ने के लिए ही संघ ने कई अनुषांगिक संगठनो का निर्माण करते हुए वर्षों पहले पांचजन्य समाचार पत्र को प्रकाशित करने का निर्णय लिया....
बदलते वक़्त के साथ आज इलेक्ट्रोनिक मिडिया ने समाज में अपनी गहरी पैठ बनायीं है शब्दों के मायाजाल में उलझाकर जिस प्रकार न्यूज़ चेनल संघ की बातों के सच को झूठ और झूठ को सच साबित कर देते हैं ऐसे में मुझे लगता है की संघ को अतिशीघ्र अपना न्यूज़ चेनल लांच करने हेतु एक नया अनुषांगिक संगठन बना लेना चाहिए जिससे आम लोगों तक संघ की सच्चाई पहुँच सके......
राहुल गाँधी के द्वारा संघ की तुलना सिमी से करने के बाद कांग्रेसी नेताओ में संघ के ऊपर छीटाकशी करने की होड़ सी मच गयी है.....
मैं देख रहा हूँ की अमूमन हर दशहरा पर संघ के पथ संचलन को शालीनता और शांति का पर्याय बताने वाले न्यूज़ चेनल इस बार एक बाल स्वयं सेवक के हाथ में तलवार के द्रश्य को दिखाकर जनता से पूछ रहे है की 'क्या संघ बच्चों को आतंकवादी बना रही है' जब की वे जानते हैं की हिन्दू समाज में दशहरा के दिन शस्त्र पूजन की परंपरा है और संघ आत्मरक्षा के लिए ही बच्चों को शस्त्र ज्ञान देता है......
अचानक से बदले मिडिया के इस रूख के पीछे का मूल कारण केंद्र सरकार के पक्ष में वातावरण तैयार कर सर्वश्रेष्ठ न्यूज़ चेनल का तमगा हासिल करना है पिछले काफी वर्षों से सर्वश्रेष्ठ और सबसे तेज़ न्यूज़ चेनल का अवार्ड आज तक को मिलता चला आ रहा है और इसी अवार्ड को हासिल करने के चक्कर में सारे न्यूज़ चेनल कांग्रेसियों के सूर में सूर मिला रहे हैं ....
अपने विचरों को आम जन मानस तक पहुँचाने के लिए एवं हिंदुत्व की विचारधारा से आम जनता को जोड़ने के लिए ही संघ ने कई अनुषांगिक संगठनो का निर्माण करते हुए वर्षों पहले पांचजन्य समाचार पत्र को प्रकाशित करने का निर्णय लिया....
बदलते वक़्त के साथ आज इलेक्ट्रोनिक मिडिया ने समाज में अपनी गहरी पैठ बनायीं है शब्दों के मायाजाल में उलझाकर जिस प्रकार न्यूज़ चेनल संघ की बातों के सच को झूठ और झूठ को सच साबित कर देते हैं ऐसे में मुझे लगता है की संघ को अतिशीघ्र अपना न्यूज़ चेनल लांच करने हेतु एक नया अनुषांगिक संगठन बना लेना चाहिए जिससे आम लोगों तक संघ की सच्चाई पहुँच सके......
Saturday, November 13, 2010
bajrangdal news
पिछले दो दिनों से कुछ ज्यादा ही बवाल मचा रखा है सेकुलर कांग्रेसियो में लेकिन उनमे से कोई भी उन आरोपों का जबाब क्यों नहीं दे रहा है ,अगर उनको सोनिया गाँधी का पक्ष रखना है तो रख सकते है लेकिन सच्चाई हमेशा कडवी होती है इसलिए कोई भी उन आरोपों सोनिया का सच जान बेकाबू क्यों होते हो?
एक बार फिर लोकतंत्र पर आपातकाल मंडरा पड़ा है. राजमाता सोनिया गांधी के सिपहसालारों ने कांग्रेसी गुण्डों, माफियाओं और लोकतंत्र के हत्यारों का आह्वान किया है कि वह देशभर में संघ कार्यालयों पर धावा बोल दे. इसका तत्काल प्रभाव हुआ और कांग्रेसी गुण्डों ने संघ के दिल्ली मुख्यालय पर धावा भी बोल दिया. ठीक वैसे ही जैसे इंदिरा गांधी की मौत के बाद सिखों को निशाना बनाया गया था. हिंसक और अलोकतातंत्रिक मानसिकता से ग्रस्त कांग्रेसी सोनिया का सच जानकर आखिर इस तरह बेकाबू क्यों हो रहे हैंको काटने का प्रयत्न नहीं कर रहा है बस पुतले जलाने का काम कर रहे है
एक बार फिर लोकतंत्र पर आपातकाल मंडरा पड़ा है. राजमाता सोनिया गांधी के सिपहसालारों ने कांग्रेसी गुण्डों, माफियाओं और लोकतंत्र के हत्यारों का आह्वान किया है कि वह देशभर में संघ कार्यालयों पर धावा बोल दे. इसका तत्काल प्रभाव हुआ और कांग्रेसी गुण्डों ने संघ के दिल्ली मुख्यालय पर धावा भी बोल दिया. ठीक वैसे ही जैसे इंदिरा गांधी की मौत के बाद सिखों को निशाना बनाया गया था. हिंसक और अलोकतातंत्रिक मानसिकता से ग्रस्त कांग्रेसी सोनिया का सच जानकर आखिर इस तरह बेकाबू क्यों हो रहे हैंको काटने का प्रयत्न नहीं कर रहा है बस पुतले जलाने का काम कर रहे है
Sunday, November 7, 2010
इंद्रेश के समर्थन में आए मुस्लिम संगठन
ग्वालियर [जागरण ब्यूरो]। अजमेर दरगाह धमाके में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ [आरएसएस] के प्रचारक इंद्रेश कुमार का नाम जोड़े जाने का विरोध कई मुस्लिम संगठनों ने भी किया है। ऐसे कुछ संगठनों को लेकर राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने ग्वालियर में एक सेमिनार का आयोजन किया। जिसमें साफ तौर पर कहा गया कि राजस्थान एटीएस द्वारा इंद्रेश के ऊपर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वे पूरी तरह से गलत हैं। सेमिनार में कहा गया कि कांग्रेस के इशारे पर आरएसएस को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है।
आरएसएस और उसके प्रचारक इंद्रेश को आतंकी गतिविधियों से जोड़ने के खिलाफ भाजपा व उसके सहयोगी संगठनों ने मुहिम शुरू कर दी है। इसी के चलते संगठन से जुड़े कुछ मुस्लिमों को सामने लाया जा रहा है। ग्वालियर में राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने ऐसा ही आयोजन किया। इस आयोजन में राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के अलावा राजस्थान के मुस्लिम महासंघ सहित कई मुस्लिम बुद्धिजीवी आए। इस मंच के राष्ट्रीय संयोजक मुहम्मद अफजाल ने स्पष्ट किया कि इंद्रेश के ऊपर आंतकियों से जुड़ने के जो भी आरोप लगे हैं, वे पूरी तरह बेबुनियाद हैं और उनमें कोई दम नहीं है।
राजस्थान मुस्लिम महासंघ के अध्यक्ष अबु मकर नकवी ने कहा कि आरएसएस व इंद्रेश पर कांग्रेस के इशारे पर निराधार लगाए जा रहे हैं। जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। सेमिनार में जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली से आए इमरान चौधरी ने कहा इंद्रेश शांति दूत हैं और उनका जीवन पूरी तरह समाज सेवा को समर्पित है। वे किसी भी आतंकी गतिविधियों से जुड़े नहीं हो सकते हैं।
Wednesday, November 3, 2010
मुस्लिम, मिशनरी, मार्क्सवादी,(लॉर्ड) मैकाले, (विदेशी) मीडिया, और माइनो (यू पी ए अध्यक्षा सोनिया गाँधी का मध्य नाम) फिर महाविनाश की चेतावनी: कलियुग आ चुका है। हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन करके और हिन्दू होने का दिखावा करके हमारी औरतों से विवाह करके मुसलमान देश पर कब्ज़ा जमाये ले रहे हैं। जल्दी ही हिन्दुओं का तो नाम-निशान भी नहीं रहेगा। भारत में उनकी संख्या हिन्दुओं से अधिक तो पहले ही हो चुकी है। हमें मुल्लों को अपने देश से निकाल देना चाहिये। वे हमारी गऊ माता की हत्या करते हैं; हर गाय में 2300 देवियां रहती हैं।
“हम मुसलमानों का भरोसा नहीं कर सकते, वे हमारी गायों तक को नहीं छोड़ते, हमें क्या छोड़ेंगे?” ये कहना है l कि “अगर कोई हिन्दू लड़की किसी मुस्लिम लड़के से शादी करे तो उस लड़की का सर काट देना चाहिये।“ और क्रान्तिकारी गीत – हिन्दू के हित पर जनमूं, हिन्दू के हित मर जाऊं, हो जाओ तैयार साथियों, अर्पित कर दो हज़ार बलिदान। नारे भी लगे- शस्त्रमेव जयते। अमरनाथ की भूमि बचाने की कोशिश करते बजरंग दल कार्यकर्ताओं की पुलिस द्वारा पिटाई के सबूत के तौर पर सी डी भी उपलब्ध हैं। और जब तरुण ब्रिगेड पर्याप्त जोश में आ चुकी तो नारे लगने लगे- राम राम चिल्लायेंगे, जायेंगे। और वकील भी उपस्थित हैं यह बताने के लिये कि आपराधिक आरोपों से कैसे बचा जाये। कोई आश्चर्य नहीं कि जब गुरु ने पूछा कि “हम मुसलमानों का सफ़ाया कैसे करेंगे?” तो लड़कों ने एक स्वर में कहा:”हम उन्हें काट डालेंगे!”
और अन्त में एक सलाह थी, जीवन भर के लिये:अगर तुम्हारे घर पर हमला हो और तुम्हारे पास कोई हथियार न हो तो तुम्हें क्या करना चाहिये? मोटरसाइकिल की चेन से काम लो। गैस का सिलेण्डर निकाल लाओ। घर के चारो ओर तेल छिड़क कर आग लगा दो ताकि आतँकवादी अन्दर न आ सकें। अगर मुसलमान तुम्हारे इलाके में रहने आते हैं तो तुम्हें क्या करना चाहिये? उनकी पृष्ठभूमि का पता करो। उनसे दोस्ती कर लो पर उन्हें अपने घर मत बुलाओ। उनकी औरतों से पता करो कि क्या उनकी शादी ज़बरदस्ती करवाई गई है। अगर ऐसा हुआ हो तो पुलिस को ख़बर कर दो। विनीत कहता है “मेरी गली के मुसलमान तो अच्छे हैं। वे अपनी औरतों को बुरका पहनने के लिये बाध्य नहीं करते और अपने बच्चों को भी खेलने देते हैं। पर बाकी मुसलमानों की औरतें और बच्चे अगर घर से बाहर कदम भी रखें तो वे उन्हें काट डालते हैं।
मां स्तब्ध होकर यह सब सुनती हैं। “मुझे नहीं पता था कि वे लोग ये सब सिखाते हैं”, कुमारी देवी कहती हैं। वे असमंजस में हैं कि अगले साल अपने बेटे को वहां भेजें या न भेजें। पर अब इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता। उनके बेटे को उसका जीवन-ध्येय पहले ही मिल चुका है- हिन्दू समाज सेवा- बजरंग दल के निर्देशानुसार।
“हम मुसलमानों का भरोसा नहीं कर सकते, वे हमारी गायों तक को नहीं छोड़ते, हमें क्या छोड़ेंगे?” ये कहना है l कि “अगर कोई हिन्दू लड़की किसी मुस्लिम लड़के से शादी करे तो उस लड़की का सर काट देना चाहिये।“ और क्रान्तिकारी गीत – हिन्दू के हित पर जनमूं, हिन्दू के हित मर जाऊं, हो जाओ तैयार साथियों, अर्पित कर दो हज़ार बलिदान। नारे भी लगे- शस्त्रमेव जयते। अमरनाथ की भूमि बचाने की कोशिश करते बजरंग दल कार्यकर्ताओं की पुलिस द्वारा पिटाई के सबूत के तौर पर सी डी भी उपलब्ध हैं। और जब तरुण ब्रिगेड पर्याप्त जोश में आ चुकी तो नारे लगने लगे- राम राम चिल्लायेंगे, जायेंगे। और वकील भी उपस्थित हैं यह बताने के लिये कि आपराधिक आरोपों से कैसे बचा जाये। कोई आश्चर्य नहीं कि जब गुरु ने पूछा कि “हम मुसलमानों का सफ़ाया कैसे करेंगे?” तो लड़कों ने एक स्वर में कहा:”हम उन्हें काट डालेंगे!”
और अन्त में एक सलाह थी, जीवन भर के लिये:अगर तुम्हारे घर पर हमला हो और तुम्हारे पास कोई हथियार न हो तो तुम्हें क्या करना चाहिये? मोटरसाइकिल की चेन से काम लो। गैस का सिलेण्डर निकाल लाओ। घर के चारो ओर तेल छिड़क कर आग लगा दो ताकि आतँकवादी अन्दर न आ सकें। अगर मुसलमान तुम्हारे इलाके में रहने आते हैं तो तुम्हें क्या करना चाहिये? उनकी पृष्ठभूमि का पता करो। उनसे दोस्ती कर लो पर उन्हें अपने घर मत बुलाओ। उनकी औरतों से पता करो कि क्या उनकी शादी ज़बरदस्ती करवाई गई है। अगर ऐसा हुआ हो तो पुलिस को ख़बर कर दो। विनीत कहता है “मेरी गली के मुसलमान तो अच्छे हैं। वे अपनी औरतों को बुरका पहनने के लिये बाध्य नहीं करते और अपने बच्चों को भी खेलने देते हैं। पर बाकी मुसलमानों की औरतें और बच्चे अगर घर से बाहर कदम भी रखें तो वे उन्हें काट डालते हैं।
मां स्तब्ध होकर यह सब सुनती हैं। “मुझे नहीं पता था कि वे लोग ये सब सिखाते हैं”, कुमारी देवी कहती हैं। वे असमंजस में हैं कि अगले साल अपने बेटे को वहां भेजें या न भेजें। पर अब इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता। उनके बेटे को उसका जीवन-ध्येय पहले ही मिल चुका है- हिन्दू समाज सेवा- बजरंग दल के निर्देशानुसार।
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